घर में लगाएं वास्तु के हिसाब से घड़ी, नहीं तो होंगी मानसिक और आर्थिक परेशानियां…

हम अपने घर में कई बार बेवजह बीमार से पड़ने लगते हैं और कई बार मन में अशांति बनी रहती है. इसकी वजह आपके घर में लगी घड़ी भी हो सकती है. वास्तु शास्त्र के अनुसार घरों में लगी हुई घड़ी को अगर गलत दिशा में लगाया जाता तो घर में तमाम तरह की परेशानियां आने लगती हैं। इससे शारीरिक, मानसिक और आर्थिक परेशानियां भी आ सकती हैं। आइए, आज जानते हैं, वास्तुशास्त्र के अनुसार क्या हैं घड़ी के नियम…

 

घड़ी

 

 

घड़ी कभी भी बंद नहीं होनी चाहिए
वास्तु के अनुसार घर की दीवारों या टेबल पर रखी हुई घड़ी कभी भी बंद नहीं होनी चाहिए। यह दुर्भाग्य का सूचक होता है। इसलिए घर में कभी भी बंद पड़ी घड़ी नहीं रखनी चाहिए।

 

घड़ी के शीशे टूटे हुए ना हो
घड़ी के शीशे में किसी भी तरह की कोई टूट-फूट नहीं होनी चाहिए। यह दुर्भाग्य का सूचक है। वास्तुशास्त्र के अनुसार टूटी हुई घड़ी रखने से घर में नकारात्मकता का वास हो जाता है। नकारात्मकता को दूर करने के लिए घर पर मौजूद टूटी-फूटी घड़ी को दूर कर देना चाहिए।

 

दीवार पर लगी घड़ी की सही दिशा
वास्तु के अनुसार घड़ी को पूर्व या उत्तर दिशा की दीवार पर लगाना शुभ रहता है। पूर्व या उत्तर दिशा सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर होती हैं। इन दिशाओं में घड़ी लगाने से आपको शुभ-लाभ और समृद्धि मिलेगी,एवं उन्नति के नए-नए मार्ग प्रशस्त होंगे।

 

इस दिशा में भूलकर भी न लगाएं घड़ी
घर में दक्षिण दिशा में घड़ी लगाने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव सबसे ज्यादा रहता है। ऐसे करने से घर में परिवार के सदस्यों की प्रगति थम जाती है और घर का वातावरण में नकारात्मकता भर जाती है, इसलिए इस दिशा में घड़ी नहीं लगानी चाहिए।

 

घर में किस रंग की घड़ी लगानी चाहिए
घर में काले, नीले और लाल रंग की घड़ी नहीं लगानी चाहिए। बल्कि हल्के हरे और पीले रंग की वास्तु के अनुसार शुभ है।

 

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