घर बेटी जन्मे तो शगुन मनाओ: मोरारी बापू

घर बेटी जन्मे

मुरारी बापू ने व्यास पीठ से आवाहन किया है कि हरहाल में हम सबको, पूरे विश्व को मिलकर कन्या भ्रूण हत्या को रोकना होगा। बापू ने कहा कि सभी घर में बेटा पैदा होने पर खुशी मनाते है मगर घर बेटी जन्मे तो सबकों शगुन मनाना चाहिए। बापू ने कहा कि कन्या में सात विभुतियाँ विद्यमान होती है। बापू ने कहा कि बेटे के जन्म से सवाया उत्सव बेटी के जन्म का मनाओं इससे देश और सम्पूर्ण विश्व का गौरव बढ़ेगा।

मुरारी बापू ने कहा कि आदमी को मन देखकर ही किसी का मेहमान बनना चाहिए न की महल देखकर। जहां पर आदर नही मिले ऐसी जगह आदमी को नही जाना चाहिए परन्तु प्रेमयज्ञ में बिना निमत्रंण के जा सकते है। उन्होने कहा कि प्रेम में काम और लोभ बाधक नही होते है मगर क्रोध बाधक होता है।

मुरारी बापू ने भगवान शिवशंकर को विश्वास का साक्षात रूप बताते हुए कहा कि शिव निष्काम, उदासीन, जोगी, जटिल अमान है। बापू ने कहा कि विश्वास अगुण होता है उसके माँ-बाप नही होते है विश्वास अजन्मा होता है। बापू ने कहा कि विश्वास कभी भी भोगी नही हो सकता है वो तो सदैव योगी ही होता है। विश्वास को बिना आँख वाला बताते हुए उन्होने कहा कि जहां पर विश्वास होगा वहां पर कामना नही हो सकती है।

भरोसे को भगवान की विभूति बताते हुए बापू ने कहा कि संसार में अगर साधकों की भक्ति है तो वो है भरोसा। बापू ने कहा कि वल्लभीय परम्परा में भी अष्ट सखाओं ने भरोसो दृढ़ इन चरणन तेरों साधन और नही या कलि में जासो होत निवोरो इस एक ही पद में प्रभु के साथ सम्पूण संसार को बांध दिया है। बापू ने कहा कि भरोसा ही परमात्मा का श्रृंगार होता है। उन्होने कहा कि लोग जितना छले उतना छले जाओं मगर भरोसा मत छोडों।

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