राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती को लेकर एक बार फिर तैयारियों का दौर जारी है। भारत में कोई उन्हें राष्ट्रपिता कहकर बुलाता है, कोई बापू तो कोई उन्हें अहिंसा का पुजारी बताता है। आज भी महात्मा गांधी अपने अहिंसावादी आचरण, वचनबद्धता के लिए याद किया जाते हैं। महात्मा गांधी के जीवन की तमाम घटनाओं की तरह ही 3 महत्वपूर्ण सूत्रों को भी खास तवज्जों दी जाती है।

राष्ट्रपिता के जीवन के 3 महत्वपूर्ण सूत्र
महात्मा गांधी के जीवन का पहला और अहम सूत्र था कि समाजिक गंदगी दूर होनी चाहिए। जिसके लिए उन्होंने झाड़ू का सहारा लिया। उनके जीवन का दूसरा सूत्र सामूहिक प्रार्थना को बल देना, जिससे एकजुट होकर व्यक्ति जात-पात और धर्म की बंदिशों को दरकिनार कर प्रार्थना करें। वहीं उनके जीवन का तीसरा और महत्वपूर्ण सूत्र चरखा भी है। यह आत्मनिर्भर और एकता का प्रतीक माना जाता है।
गांधी जी ने सदैव अपने जीवन में सत्य की राह पर चलकर ही सत्याग्रह की नींव रखी। उनके जीवन में कई ऐसे मोड़ आए जब काफी कठिनाई हुई बावजूद इसके उन्होंने सत्य का साथ कभी भी नहीं छोड़ा। गांधी जी के आदर्शों के बारे में हम सभी ने कई बार सुना, किताबों में देखा और दूसरों से सुना है। महात्मा गांधी ने सदैव ही भगवान महावीर के रास्ते पर चलकर त्याग को अपने जीवन में सदा अपनाए रखा। इसी के साथ उन्होंने अपना जीवनयापन कम से कम साधनों में सादगीपूर्ण तरीके से किया।
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