LiveToday Exclusive : बुरा है राजधानी की सबसे बड़ी गौशाला का हाल, मौत के मुहाने पर 600 गौ माताएं

गौ हत्या का कलंकलखनऊ। हिन्दू धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया गया है। लेकिन आजकल गौमाता की सेवा कम, बल्कि उनके नाम पर राजनीती ज्यादा होती है। इसके कई उदहारण समय-समय पर देखने को भी मिले है। ताजा मामला राजधानी लखनऊ की सबसे बड़ी गौशाला ‘कान्हा उपवन’ का है। यहां गौमाता के हाल का अंदाजा आप इसी बात से लगा लेंगे कि 600 पशुओं की कैपिसिटी वाले कान्हा उपवन में 2460 गायों और भैसों को रखा गया है।

योगी सरकार के बड़े फैसले में नया पेंच, नौकरियों के लिए होंगे इंटरव्‍यू, ये है शर्त

कान्हा उपवन का हाल इतना बुरा है कि यहां हर रोज 600 से ज्यादा गाय भूखी रह रही है। इसके अलावा इस गौशाला की बुनियादी सुविधाएं भी एकदम खस्ता हाल हैं।

कान्हा उपवन में जानवरों को गर्मी से बचाने के लिए उनके बाड़े में जो पंखे लगाए गए थे, वो खराब पाए गए। बाड़े में रात के समय रोशनी के लिए कुछ ट्यूबलाइट्स जरूर लगाई गईं, लेकिन वे भी खराब पाई गईं। परिसर  में बिजली सप्लाई के लिए जो वायरिंग की गई थी, उसके पेंच और बोर्ड खुले मिले।

जानवर जिस रास्ते से होकर अपने बाड़े में जाते हैं, उसकी फर्श भी टूटी थी। जानवरों के पानी पीने के लिए जो जगह तय की गई थी, उसके ऊपर ढक्कन नहीं लगा था। नालियों में सीवर चोक पाया गया जहां पानी का बहना पूरी तरह से बंद हो चुका था।

जानवरों की साफ सफाई को लेकर बेहद गंदगी दिखाई दी। बाड़े में दीवारों पर पान की पीक और गंदगी पाई गई।

बता दें कि कान्हा उपवन में चारा खिलाने से लेकर दूसरी व्यवस्थाओं को करने की जिम्मेदारी नगर निगम के पास होती है। लेकिन अफसरों की लापरवाही के चलते यहां बड़ी घटना हो सकती है।

इसके अलावा आप ये जानकर और भी चौक उठेंगे कि इसी साल मार्च महीने में कान्हा उपवन का इंस्पेक्शन खुद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था। लेकिन इसके बावजूद अधिकारीयों के रवैये में किसी प्रकार का कोई बदलाव देखने को नहीं मिला है।

अधिकारीयों की लापरवाही का अंदाजा आप इस बात से ही लगा लेंगे की उनको एक दिन पहले इस बात की जानकारी दे दी गई थी कि अगले दिन सीएम योगी आने वाले हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने न तो बाड़े में लगे गोबर के ढेर को हटवाया और न ही बाड़े की सफाई कराई।

इसके अलावा सरोजनीनगर में संचालित होने वाले कान्हा उपवन को व्यापारियों ने चारा देने से भी मना कर दिया है, क्योंकि गाय के भोजन का व्यापारियों पर 90 लाख का उधार है। वहीं बीते 5 महीने से गाय को भोजन के लिए किसी ने अनुदान नहीं दिया है।

गौरतलब है कि एक तरफ जहां सीएम योगी सड़कों पर घूमने वाली गायों के लिए दो दर्जन गौशालाओं का निर्माण कराने की बात कर रहे हैं, वहीँ दूसरी तरफ उन्ही के अधिकारी उन्हें ठेंगा दिखा रहे हैं।

इसके अलावा अब ये प्रश्न भी उठता है कि गौसेवा को ही अपने जीवन का आधार बताने वाले सीएम योगी इस मामले में क्या एक्शन लेते है।

वीडियो :-

LIVE TV