गोवा की इस बर्ड सैंक्चुअरी में इन पक्षियों की खूबियां जानेंगे तो मुह खुला का खुला रह जाएगा

गोवा, भारत का एक खूबसूरत और व्यस्त रहने वाला पर्यटन स्थल है। आम तौर पर युवाओं में मौज-मस्ति के लिहाज़ से एक आदर्श स्थल माना जाता है। यहां के बीच, भारत में अन्य बीचों से ज्यादा मशहूर हैं। ऐसा बिल्कुल नहीं है कि गोवा सिर्फ युवाओं के घूमने की जगह है या यहां बीच के अलावा कुछ और देखने या घूमने को नहीं है। यहां की सलीम अली बर्ड सैंक्चुअरी भी पर्यटकों का खासा ध्यान आकर्षित करती है। इस बर्ड सैंक्चुअरी में अलग-अलग प्रजाती के पक्षी पाए जाते हैं।

सैंक्चुअरी

बदलते मौसम में बहुत से प्रवासी पक्षियों को भी यहां देखा जा सकता है। ये सैंक्चुअरी माण्डवी नदी के बीच चराओ आइलैंड पर स्थित है। सलीम अली को भारत का बर्डमेन भी कहा जाता था, ऐसा इसलिए क्योंकि वो एक पक्षी विज्ञानी और प्राकृती प्रमी थ।उन्होंने व्यवस्थित रूप से पक्षी सर्वेक्षण का आयोजन किया। उनके इतने योगदान के करने के सम्मान में उनकी मृत्यु के बाद इस सैंक्चुअरी को उनका नाम दिया गया। सलीम अली बर्ड सैंक्चुअरी गोवा की राजधानी, पणजी से सिर्फ 5 किमी की दूरी पर ही है। मपूसा शहर से ये 10 किमी दूर पड़ता है। इस टापू को लेकर लोगों की कुछ पौराणिक मान्यताएं भी जुड़ी हैं। कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण की मां, यशोदा मां ने कुछ हीरे फैंकें और जिनमें से एक ये उपद्वीप बन गया।

गौतम गंभीर ने कर दिया ये बड़ा ऐलान, जिससे मायूस हो गए क्रिकेटप्रेमी

पर्यटकों को लुभाने वाला ये पर्यटक स्थल आप अपने पूरे परिवार के साथ देखने जा सकते हैं। साथ ही अगर आपके बच्चे छोटे हैं तो ये ट्रिप उनके लिए एक एड्युकेशन टूर का काम भी करेगा। तो चलिए अब आपको बताते हैं सलीम अली बर्ड सैंक्चुअरी के कुछ पक्षियों के बारे में। लिटिल बिटर्न पक्षी लिटिल बिटर्न पक्षी, इस सैंक्चुअरी के अनूठे पक्षियों में से एक है। अमेरिकी मूल का ये पक्षी बाघ की आवाज़ निकालता है। जी हां, यही तो इसकी खासियत है कि पक्षी होने के बावजूद बाघ की आवाज़ निकालता है ये पक्षी। इसकी यही खूबी देखने के लिए तो दूर-दूर से लोग इस सैंक्चुअरी मे आते हैं।

सैंक्चुअरी

ब्राह्मिनी चील

पक्षियों में सबसे तेज़, चील की ही अन्य प्रजातियां भी हैं जिनमें से एक है ब्राह्मिनी चील। वैसे तो ये एक भारतीय पक्षी है लेकिन कुछ अन्य देशों में भी ये पाया जाता है। ब्राह्मिनी चील नाम की ये प्रजाति पानी के पास रहना ही पसंद करती है। सैंक्चुअरी के अलावा इसे बंदरगाहों में भी काफी संख्या में पाया जा सकता है। अन्य जल पक्षियों की तरह ये भी अपना पेट भरने के लिए मछली और मेंढक का शिकार करते हैं।

मन में सोने के बादल देखने की इच्छा हो तो आ जाए दार्जीलिंग टाइगर हिल

स्टॉर्क बिल किंगफिशर स्टॉर्क बिल किंगफिशर पेड़ पर रहने वाला पक्षी है। इसकी खास बात ये है कि ये आकार में किंगफिशर की अन्य प्रजातियों में सबसे बड़ा होता है। ये पक्षी पानी के किनारे और जंगल, दोनों में ही रहता है। पक्षियों की ये प्रजाति छोटे-छोटे झुंड बनाकर रहती है। जंगलों में ये अपना इलाका निर्धारित कर देते हैं ताकि कोई अन्य पक्षी इनकी जगह न ले। स्टॉर्क बिल किंगफिशर इतना बलशाली होता है कि कभी-कभी बाज़ जैसे विशाल पक्षी को भी भगा देता है। किंगफिशर प्रजाति का ये पक्षी एक दिन में 16 मछलियां खा लेता है।

पर्पल सनबर्ड

पर्पल सनबर्ड एक छोटा सनबर्ड होता है। ये पक्षी मुख्य रूप से फूलों के रस को पीता है। ऐसा नहीं कि पर्पल सनबर्ड सिर्फ फूलों के रस पर ही जीवन यापन करते हैं, ये कीड़े-मकोड़े भी खाते हैं, खासकर तब जब ये बहुत छोटे होते हैं। ये छोटे पक्षी बहुत तेज और सीधी उड़ान भरते हैं और एक हमिंगबर्ड की तरह फूलों पर मंडरा कर ही उसका रस पीते हैं।

सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस को ये क्या बोल गए अमेरिकी सीनेटर…

रेडषांक

रेडषांक पक्षी के शरीर के उपरी भाग भूरे रंग का और निचला भाग हल्के भूरे रंग का होता है। इसके पैर लाल रंग के होते हैं। सर्दियों में इन पक्षियों के शरीर पर बना पैटर्न और रंग हल्का होने लगता है। लाल पैरों वाले रेडषांक नाम के इस पक्षी की चोंच का ऊपरी हिस्सा लाल और टिप वाला हिस्सा काले रंग का है। तो ये तो बात थी सलीम अली बर्ड सैंक्चुअरी के पक्षियों की। इसके अलावा इस सैंक्चुअरी में फ्लाइंग फॉक्स, मगरमच्छ और सियार भी देखने को मिल सकते हैं।

कब जाएं सलीम अली बर्ड सैंक्चुअरी

क्योंकि गोवा में पहले से ही काफी गर्मी और उमस रहती है, इसलिए गर्मियों के मौसम में यहां जाना आपके लिए दुखदाई साबित हो सकता है। बारिश के मौसमें में जाएंगे तो ज्यादा पक्षी देखने को नहीं मिलेंगे। इसलिए नवंबर से फरवरी के बीच का मौसम एकदम अनुकूल है बर्ड सैंक्चुअरी देखने के लिए।

पिता-पुत्र की ये कहानी सिखाती है जीवन का सार

कैसे जाएं सलीम अली बर्ड सैंक्चुअरी

इस सैंक्चुअरी को देखने के लिए आपको जनता हाउस में चीफ, वाइल्डलाइफ फॉरेस्ट, वन विभाग की अनुमति लेनी पड़ेगी।सलीम अली बर्ड सैंक्चुअरी जाने के लिए पहले पणजी से रिबंदर नौका घाट जाएं। एक बार घाट पर पहुंचने के बाद, माण्डवी नदी के पार चराओ आइलैंड तक नाव से जाएं। आप चाहें तो प्राइवेट बोट भी लेकर जा सकते हैं और अगर आपको सैंक्चुअरी के बारे में करीब से जानना है तो अपने साथ गाइड भी लेजा सकते हैं। इसके अलावा एक बड़ी नाव भी चलती है जिसमें 10 लोग एक साथ जाते हैं। 10 लोगों वाली इस नाव में एक व्यक्ति किराया 750 रुपये हैं। अन्य किसी भी नाव में इससे ज़्यादा किराया है। चराओ आइलैंड से सलीम अली बर्ड सैंक्चुअरी तक के बीच की दूरी महज़ 5-10 मिनट पैदल का रास्ता है। सैंक्चुअरी पहुचने के बाद आपको 20 रुपये की टिकट लेनी होगी

LIVE TV