गोधरा कांड : आ गया कोर्ट का फैसला, फांसी की सजा पाए दोषियों को बड़ी राहत

गोधरा कांडनई दिल्ली। 2002 में गुजरात के गोधरा में ट्रेन की एक बोगी में 59 लोगों को जिंदा जलाने के मामले में गुजरात हाईकोर्ट फैसला सोमवार को आ गया। हाईकोर्ट ने इस मामले में फांसी की सजा पाए सभी 11 दोषियों की सजा को उम्रकैद में बदल दिया। इस मामले में बाकी के 20 दोषियों की उम्रकैद की सजा बरकरार रहेगी।

इस मामले में SIT की एक विशेष अदालत ने 11 मार्च 2011 को 31 दोषियों को सजा मिली थी जिसमें से 63 लोगों को बरी कर दिया गया था।

SIT ने इस फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अपील दायर की गई थी जिस पर आज फैसला संभावित है।

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इस मामले में 11 लोगों को फांसी और 20 लोगों को उम्रकैद की सजा मिली थी। 2002 में हुए इस दंगे में करीब 1000 से ज्यादा लोगों की जानें गई थी। मरने वालों में ज्यादातर अल्पसंख्यक समुदाय के थे।

बता दें कि गोधरा रेलवे स्टेशन पर 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के एस-6 डिब्बे को जलाए जाने की घटना में 58 लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों में 23 पुरुष, 15 महिलाएं और 20 बच्चे थे।

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गौरतलब है कि गुरुवार को गुजरात हाईकोर्ट ने गुलबर्ग सोसायटी मामले में दाखिल की गई जाकिया जाफरी की याचिका को रद्द कर दिया है। आपको बता दें कि उन्होंने गुलबर्ग सोसायटी मामले में दी गई क्लीन चिट को अदालत में चुनौती दी थी। जाकिया ने याचिका में मांग की थी कि गुजरात दंगों के मामले में 59 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए जाएं।

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