शिवराज के रिश्तेदारों ने फर्जी तरीके से भूखंड हड़पे : कांग्रेस

गृह निर्माण सहकारी समितिभोपाल| मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में लंबे अरसे से विवादों में घिरी रोहित गृह निर्माण सहकारी समिति में भूखंड (प्लॉट) आवंटन में हुई गड़बडियों को लेकर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान पर सीधा निशाना साधा है और आरोप लगाया है कि कथित तौर पर उनके करीबियों और रिश्तेदारों ने एक दर्जन भूखंडों पर फर्जीवाड़ा करके कब्जा किया है। वहीं कांग्रेस के आरोप को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज से संपर्क किया गया, मगर उनके भोपाल से बाहर होने के कारण कोई जवाब नहीं मिल पाया।

गृह निर्माण सहकारी समिति में गड़बड़ियां

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने गुरुवार को संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि राज्य में करीब 400 गृहनिर्माण सहकारी संस्थाओं में बीते 13 वर्षो में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। ये सभी गड़बड़ियां भाजपा के शासनकाल में हुई हैं। गड़बड़ी वाली समितियों में राजधानी की चर्चित रोहित गृह निर्माण सहकारी समिति भी एक है।

मिश्रा का आरोप है कि रोहित गृह निर्माण सहकारी संस्था ने 100 एकड़ जमीन पर काटे गए 1500 प्लॉटों के आवंटन से लेकर रजिस्ट्री तक में भारी फर्जीवाड़ा किया है, इसमें सोसायटी से जुड़े रसूखदारों ने सहकारिता विभाग की मिलीभगत से लगभग 125 करोड़ रुपये की बड़ी हेराफेरी की है।

उन्होंने कहा कि इस संस्था ने न केवल फर्जी सदस्य बनाए, बल्कि वर्ष 2004-05 के बाद आज तक संस्था का ऑडिट तक नहीं कराया गया है और यह सब इसलिए हुआ है कि इस गृह निर्माण सहकारी संस्था में भूखंड हड़पने वालों में प्रदेश के मुखिया शिवराज के करीबी और रिश्तेदार हैं।

मिश्रा ने एक सूची सार्वजनिक करते हुए कहा कि रोहित गृह निर्माण सहकारी संस्था में रोहितसिंह चौहान (मुख्यमंत्री के भाई), रश्मि चौहान (रोहितसिंह चौहान की पत्नी), प्रद्युम्न चौहान (भतीजा), डी. चौहान की पत्नी अनीता चौहान (मुख्यमंत्री के भाई की पत्नी), ब्रजेश चौहान (भांजा) तथा अन्य करीबियों में धर्मेद्र सिंह चौहान व उनकी पत्नी ममता चौहान, चंद्रभानसिंह चौहान की पत्नी ममता चौहान, लावेंद्रसिंह चौहान की पत्नी सीमा चौहान, सुभाष वर्मा, बलवंतसिंह चौहान और हरीश सिंह (निजी सचिव) को मुख्यमंत्री के प्रभाव के चलते गलत तरीके से भूखंड आवंटित किए गए।

कांग्रेस का आरोप है कि रोहित गृह निर्माण सहकारी संस्था का ऑडिट मुख्यमंत्री शिवराज के सत्ता पर काबिज होने के बाद से आज तक इसलिए नहीं हुआ है कि इस संस्था में उनके रिश्तेदार, करीबी लोगों को सीधा और अवैधानिक लाभ दिया गया है।

इतना ही नहीं, वर्ष 2005 से 2008 के बीच मुख्यमंत्री के करीबियों के नाम कूटरचित तरीके से जोड़कर भूखंड आवंटित कर दिए गए।

कांग्रेस का आरोप है कि मुख्यमंत्री के करीबियों को सहकारिता के नियमों का खुला उल्लंघन करते हुए एक परिवार के एक से ज्यादा सदस्य को इसी आवासीय कालोनी में भूखंड आवंटित किए गए। इसके अलावा पंजीयन विक्रय पत्र में भी गड़बड़ी की गई।

पिछले दिनों विधानसभा में रोहित गृह निर्माण सहकारी संस्था में हुई गड़बड़ी का मामला उठा था, तब तत्कालीन सहकारिता मंत्री गोपाल भार्गव ने एसआईटी से प्रदेश की सभी सहकारी समितियों की जांच का ऐलान किया था, मगर छह माह गुजर जाने के बाद भी एसआईटी नहीं बन पाई और भार्गव से इस मंत्रालय का प्रभार ही छीन लिया गया।

कांग्रेस ने भी इसे मुख्यमंत्री की अपनों को बचाने की कोशिश का हिस्सा बताया है। इसके अलावा भूखंड आवंटन मंे गड़बड़ी की आवाज उठाने वाले व्हिसिलब्लोअर 70 वर्षीय जे.के. जैन को साजिश रचकर जेल भेज दिया गया था।

कांग्रेस के आरोपों को लेकर मुख्यमंत्री चौहान और उनके प्रमुख सचिव एस.के. मिश्रा से संपर्क किया गया, मगर दोनों ही भोपाल से बाहर थे। मिश्रा ने आईएएनएस से कहा कि भोपाल लौटने पर ही इस मामले पर कोई जवाब दिया जा सकेगा।

LIVE TV