एक लाख गांवों तक पहुंचा गूगल का ‘इंटरनेट साथी’
नई दिल्ली। भारत की ग्रामीण महिलाओं को इंटरनेट से जोड़ने वाला गूगल का ‘इंटरनेट साथी’ प्रोग्राम अब देश भर के 1 लाख गांवों में पहुंच चुका है। गूगल का यह प्रोग्राम उस महिलाओं को ऑनलाइन लाने की एक पहल का हिस्सा है जिसे 2015 में खुद सुंदर पिचाई ने शुरू किया था। इस पहल को टाटा ट्रस्ट्स का भी सपॉर्ट हासिल है। उस वक्त गूगल ने ऐलान किया था कि वह आने वाले सालों में इसे 3 लाख गांवों तक पहुंचाना चाहता है।
शुरुआत से लेकर अब तक यह प्रोग्राम दो सालों में 10 राज्यों तक पहुंच गया है। अब इसके पास 25,000 महिला मेम्बर हैं जिन्हें ‘साथी’ कहा जाता है। कम्पनी इन्हें ट्रेन करती है ताकि ये अपने कार्यक्षेत्र वाले गांवों में जाकर इंटरनेट संबंधी जानकारी बांट सकें।
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गूगल का कहना है कि अब तक करीब 1 करोड़ से ज्यादा महिलाएं इस प्रोग्राम के सीधे और परोक्ष फायदे हासिल कर चुकी हैं और रोजमर्रा की जिन्दगी में इंटरनेट का इस्तेमाल सीख रही हैं।
हाल ही में इस प्रोग्राम की दूसरी सालगिरह मनाई गई और इस मौके पर दो नए राज्यों, हरियाणा और बिहार में इसकी शुरुआत का ऐलान किया गया। गूगल का कहना है कि इंटरनेट साथी प्रोग्राम हरियाणा के 1000 और बिहार के 7000 गांवों तक पहुंच बनाएगा।
दक्षिण पूर्व एशिया और भारत की मार्केटिंग डायरेक्टर सपना चड्ढा ने कहा, ‘भारत की ग्रामीण महिलाएं डरते-डरते फोन को छूने से लेकर अब इंटरनेट सेवाएं मांगने तक के सफर में काफी आगे आ गई हैं। भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता हुआ इंटरनेट यूजर मार्केट है, लेकिन यहां सिर्फ पुरुषों का ही प्रभुत्व है। ग्रामीण इलाकों में यह डिजिटल लैंगिक असमानता और भी गहरी है जहां महिलाओं में डिजिटल साक्षरता की भारी कमी है। सामाजिक-आर्थिक बंधनों के साथ-साथ उनकी जानकारी की कमी ने महिलाओं को इंटरनेट से दूर रखा हुआ है।’
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गूगल ने इंटरनेट साथी प्रोग्राम के दौरान सामने आई कई प्रमुख बातें बताईं। गूगल के मुताबिक, लगभग 90% महिलाएं जो इंटरनेट साथी प्रोग्राम की ट्रेनिंग का हिस्सा बनीं, इंटरनेट को बेहतर तरीके से समझने लगी हैं। 25% महिलाएं जिन्होंने इंटरनेट का इस्तेमाल सीखा, इसका लाभ उठा रही हैं। गूगल के डेटा के मुताबिक गुजरात में सबसे ज्यादा 35% महिलाएं साथियों से सीखकर इंटरनेट इस्तेमाल कर रही हैं जबकि राजस्थान में यह प्रतिशत सबसे कम है।
इंटरनेट साथी प्रोग्राम के एक हिस्से के तौर पर महिला ऐम्बैसडर गूगल से इंटरनेट इस्तेमाल करना सीखती हैं और ‘साथी’ बनती हैं। ये साथी इसके बाद गांवों में जाकर महिलाओं को इंटरनेट के बारे में बताती हैं और समझाती हैं कि इसे रोजमर्रा के कामों के लिए कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है। इस ट्रेनिंग में फोन ऑपरेट करने से लेकर ऑनलाइन जानकारी ढूंढने और वॉट्सऐप चलाने तक सबकुछ सिखाया जाता है।