गाजियाबाद में बेटे की हत्या को लेकर परिजनों ने निकाला कैंडल मार्च

REPORT:-JAVED CHAUDHARY/GHAZIABAD

प्रदेश की राजधानी लखनऊ में फ्लॉप हुए एसएसपी कलानिधि गाजियाबाद में भी फेल हो गए हैं। दरअसल लगातार क्राइम से जूझ रही प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हथियार छोड़ चुके आईपीएस कलानिधि नैथानी को गाजियाबाद एसएससी बनाया गया। लेकिन यहां भी वह पूर्ण रूप से फ्लॉप दिख रहे हैं। उनके यहाँ आते ही हत्या के बाद अज्ञात में शव जलाए जा रहे है।

न्याय की गुहार

जब 14 वर्ष का एकलौता बेटा अपने पिता के शरीर को  मुखाग्नि न दे पाए तो इसका दर्द समझा जा सकता है। ऐसा हुया गाजियाबाद पुलिस की नाकामी के चलते। इसी लापरवाही को लेकर आज लोगों ने पुलिस पर से विश्वास उठता दे स्थानीय सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री वीके सिंह के घर के बाहर कैंडल मार्च निकाला । मामला बेहद संगीन और संवेदनशील है ।

यह तस्वीर है 48 वर्षीय पवन शर्मा की है।  पवन शर्मा गाजियाबाद के थाना कविनगर इलाके में रहते थे और बीती 4 तारीख को वह घर से गए तो वापस नहीं लौटे। उनके  6 जनवरी को उनका शव जिले हापुड़ सिंभावली नहर में मिला। किसी भी परिवार के लिए उसके मुखिया का जाना ऐसा दर्द है जो कोई बयां नहीं कर सकता । लेकिन इस परिवार पर जो बीती उसका तो कोई ठिकाना ही नहीं था। दरअसल हापुड़ पुलिस ने 72 घंटे बाद यानी 8 तारीख को इनके शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया। सुहाग और बच्चे अपने पिता के अंतिम दर्शन नहीं कर पाए। आरोप खाकी पर है कि अगर खाकी समय से पवन शर्मा को तलाश थी शायद उनके अंतिम दर्शन परिवार को हो जाते।

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कल परिजनों ने एसएसपी गाजियाबाद कलानिधि नैथानी के घर का घेराव किया था। उसके बाद पुलिस ने मुकदमा लिखा । हाल ये  हैं की जब तक पब्लिक रोड पर नहीं जाती है गाजियाबाद पुलिस मुकदमा नहीं लिखती है। सिर्फ मुकदमा लिखने से कुछ नहीं होता है। जिसका सुहाग उजड़ा जिसके सिर से उसके बाप का साया चला गया उनको न्याय चाहिए लेकिन कलानिधि नैथानी के नेतृत्व में गाजियाबाद पुलिस गुलाबी सर्दी भी लिहाफ ओढ़ कर सो रही है। इसी को लेकर आज पवन शर्मा के परिजनों ने स्थानीय सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री वीके सिंह के घर के बाहर कैंडल मार्च निकाला। पुलिस से परिजनों को अब पुलिस से नही सांसद से कुछ उम्मीद बची है।

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