रिटायरमेंट से दो दिन पहले गर्वनर राजन का धमाकेदार खुलासा, कठघरे में मोदी सरकार

गर्वनर रघुराम राजन दिल्‍ली। अपने रिटायरमेंट से महज दो दिन पूर्व रिजर्व बैंक के गर्वनर रघुराम राजन ने बड़ा ही चौकाने वाला खुलासा किया। राजन ने कहा कि वह बैंक के गर्वनर के रूप में दूसरा कार्यकाल चाहते थे लेकिन सरकार से बात नहीं बन पायी।

उन्‍होंने यह खुलासा एक टीवी चैनल को दिए एक साक्षात्‍कार में किया। राजन ने कहा, मैं अपने पद पर कुछ समय और रुकना चाहता था लेकिन अपने सेवाकाल के विस्तार के बारे में सरकार से उचित तरह का समझौता नहीं हो सका।

उन्‍होंने कहा कि अधूरे काम को देखते हुए मैं रुकना चाहता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बात यहीं खत्म हो गई। कई जगहों पर अनेक तरह के मतभेद हो सकते हैं। मुझे लगता है कि हमारे बीच समझौता नहीं हो सकता। याद रखें कि मेरा कार्यकाल पूरा हो चुका था इसलिए मुझे एक नया कार्यकाल चाहिए था।

गर्वनर रघुराम राजन ने रिटायरमेंट से पूर्व सरकार को कठघरे में खड़ा किया

बता दें कि राजन का तीन साल का कार्यकाल 4 सितंबर को खत्म हो रहा है। इनकी नियुक्ति कांग्रेस शासन में हुई थी। केन्‍द्र में भाजपा की सरकार आने के बाद राजन ने विभिन्‍न अवसरों पर कई बार सरकार के खिलाफ भी बयानबाजी की थी। लीक से हटकर बोलने के कारण राजन केन्‍द्र सरकार के कई मंत्रियों और सांसदों के निशाने पर थे। खासतौर से भाजपा सांसद सुब्रमण्‍यम स्‍वामी के निशाने पर।

इंटरव्‍यू में विभिन्न अवसरों पर लीक से हटकर बोलने को लेकर अपनी आलोचनाओं को खारिज करते हुए राजन ने कहा, किसी भी सार्वजनिक व्यक्तित्व या हस्ती का यह वैध कर्तव्य तथा नैतिक दायित्व बनता है कि वह युवाओं को बताए कि अच्छी नागरिकता क्या होती है।

नीतिगत ब्याज दरें ऊंची रखने संबंधी आलोचनाओं पर राजन ने कहा, उन्होंने दरों में कटौती के लिए हर उपलब्ध विकल्प का इस्तेमाल किया। साक्षात्कार में राजन ने देश में बढ़ती असहिष्णुता पर अपने विवादास्पद भाषण का बचाव किया। इस बयान से सरकार काफी असहज हो गई थी।

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