मोटापे के कारण महिलाओं में गर्भपात का खतरा
आजकल बहुत सारे कपल्स ऐसे मिलते हैं, जिनको तमाम प्रयास के बाद भी बच्चा नहीं होता है। इनमें से ज्यादातर कपल्स वो हैं, जिनमें पति या पत्नी में से कोई एक या दोनों मोटापे का शिकार हैं। खराब लाइफस्टाइल और गलत खानपान के कारण लोगों में जैसे-जैसे मोटापा, डायबिटीज और कैंसर जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं, वैसे-वैसे प्रजनन क्षमता भी कम हो रही है।
खास बात यह है कि इसका खतरा महिलाओं और पुरुषों दोनों को है। आइए आपको बताते हैं मोटापा कैसे प्रभावित करता है आपकी प्रजनन क्षमता और क्या हैं इसे बेहतर करने के उपाय।
मोटापे से होता है हार्मोनल असंतुलन
मोटापा महिलाओं और पुरुषों में हार्मनल असंतुलन का एक बड़ा कारण है। हार्मोनल असंतुलन के कारण जहां पुरुषों के शुक्राणु प्रभावित होते हैं, वहीं महिलाओं में पीरियड्स की समस्याएं हो सकती हैं, जिससे ओव्युलेशन में परेशानी आती है, और गर्भ नहीं ठहर पाता है। आपका सही वजन न सिर्फ आपकी प्रजनन क्षमता बढ़ाता है, बल्कि मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है।
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इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का शिकार पुरुष
मोटापे के कारण शरीर में कई तरह के रोग जैसे- डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल और किडनी की समस्याएं हो जाती हैं, जिससे शरीर का रक्त प्रवाह (ब्लड सर्कुलेशन) प्रभावित होता है। लिंग में ठीक से रक्त प्रवाह न हो पाने के कारण कड़ापन नहीं बना रह पाता है, जिससे संबंध बनाने में परेशानी आती है। इससे भी पुरुषों की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है।
मोटापे के कारण महिलाओं में गर्भपात का खतरा
सामान्य से ज्यादा वजन हो जाने के कारण महिलाओं में गर्भपात का भी खतरा बढ़ जाता है। ऐसा कई मामलों में देखा गया है कि अगर महिला का वजन ज्यादा है और उसे गर्भ ठहरता भी है, तो कुछ सप्ताह बाद गर्भपात हो जाता है। इसके अलावा एक अन्य समस्या यह भी है कि मोटापे से ग्रस्त महिलाओं को सामान्य डिलीवरी नहीं होती है, बल्कि ज्यादातर ऑपरेशन का सहारा लेना पड़ता है।
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मोटापा इंसुलिन को बनने से रोकता है
मोटापे कारण शरीर में इंसुलिन बनने की प्रक्रिया धीरे हो जाती है, जिससे व्यक्ति को डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है। मगर महिलाओं में इंसुलिन की कमी प्रजनन क्षमता को प्रभावित करती हैं क्योंकि शरीर में इंसुलिन कम होने पर पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं और गर्भधारण नहीं हो पाता है।