अर्थव्यवस्था को गति देने का कार्य करेगा आरबीआई

नई दिल्ली : अर्थव्यवस्था को गति देने और नीतिगत दरों में कटौती को लेकर आरबीआई गवर्नर 26 मार्च को बैठक करेंगे। जहां इसमें व्यापार संगठनों और रेटिंग एजेंसियों के अलावा आल इंडिया बैंक डिपॉजिटर्स एसोसिएशन को भी शामिल किया गया है और यह बैठक अगले महीने की शुरुआत में होने वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की समीक्षा बैठक से पहले की जा रही है, ताकि कोई फैसला लेने से पहले आम सहमति बनाई जा सके।

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बता दें की गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले साल दिसंबर में पद संभालने के बाद कहा था कि वे आर्थिक विकास को गति देने में केंद्रीय बैंक की भागीदारी और बढ़ाने के लिए सभी पक्षों के साथ मिलकर काम करेंगे।

अप्रैल से शुरू होने वाले नए वित्त वर्ष की पहली एमपीसी बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। तीन दिनों तक चलने वाली यह बैठक 4 अप्रैल से शुरू हो रही है, जबकि 11 अप्रैल से आम चुनाव के पहल चरण का मतदान शुरू हो जाएगा।

जहां मार्च में होने वाली बैठक ब्याज दरों के अलावा अर्थव्यवस्था को गति देने के मकसद से भी बुलाई है। इस पर विस्तृत चर्चा करने के लिए गवर्नर ने व्यापार संगठनों के साथ रेटिंग एजेंसियों को भी बातचीत में शामिल किया है।

इससे पहले गवर्नर उद्योग चैंबर, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, बैंकर्स और सरकारी प्रतिनिधियों के साथ आर्थिक विकास को लेकर चर्चा कर चुके हैं।

देखा जाये तो इससे पहले फरवरी में हुई एमपीसी बैठक में करीब डेढ़ साल बाद रेपो रेट में कटौती की गई थी। आरबीआई ने इसे 0.25 फीसदी घटाकर 6.25 फीसदी कर दिया था।

उद्योग क्षेत्र की मांग है कि विकास को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत दरों में और कटौती की जरूरत है, क्योंकि बैंक पहली कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों को नहीं दे रहे हैं। इस लिहाज से सभी की निगाहें अगले माह टिकी हुई हैं।

दरअसल सार्वजनिक क्षेत्र के आईडीबीआई बैंक को निजी क्षेत्र का बैंक बनाए जाने के बावजूद आरबीआई उसका नाम बदलने के पक्ष में नहीं है। इस बैंक में एलआईसी द्वारा पूर्ण स्वामित्व हासिल किए जाने के बाद बैंक बोर्ड ने पिछले महीने इसका नाम बदलने की सिफारिश की थी। इसके लिए उन्होंने एलआईसी-आईडीबीआई और एलआईसी बैंक का नाम भी सुझाया था।

हालांकि, केंद्रीय बैंक इसका नाम बदले जाने के पक्ष में नहीं है फिर भी बैंक बोर्ड को इस पर अमल करने के लिए वाणिज्य मंत्रालय, शेयरधारकों और स्टॉक एक्सचेंज से अनुमति लेनी हो

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