गणेश चतुर्थी आज, इस मंत्र से करेंगे एकदंत की पूजा तो कष्‍टोंं से मिलेगी मुक्ति

गणेश चतुर्थीआज गणेश चतुर्थी है। बुद्धि, ज्ञान और विघ्नविनाशक के रूप में पूजे जाने वाले श्री गणेश जी के स्वागत के लिए इस समय उनके भक्तगण पूरी तरह से तैयार हैं। पंडितों के मुताबिक इस बार चतुर्थी वाले दिन काफी अच्छे संयोग बन रहे हैं। रविवार को ही चतुर्थी शाम 6 बजकर 54 मिनट से लग गयी जो कि 5 सितंबर को रात 9 बजकर 10 मिनट पर समाप्त होगी।

आज के दिन यानी गणेश चतुर्थी के दिन उपवासक को प्रात:काल में जल्द उठना चाहिए। सूर्योदय से पूर्व उठकर, स्नान और अन्य नित्यकर्म कर, सारे घर को गंगाजल से शुद्ध कर लेना चाहिए। स्नान करने के लिये भी अगर सफेद तिलों के घोल को जल में मिलाकर स्नान किया जाता है। तो शुभ रहता है. प्रात: श्री गणेश की पूजा करने के बाद, दोपहर में गणेश के बीजमंत्र ऊँ गं गणपतये नम: का जाप करना चाहिए।

इसके पश्चात भगवान श्री गणेश भगवान का धूप, दूर्वा, दीप, पुष्प, नैवेद्ध व जल आदि से पूजन करना चाहिए। और भगवान श्री गणेश को लाल वस्त्र धारण कराने चाहिए। पूजा में घी से बने 21 लड्डूओं से पूजा करनी चाहिए। साल भर में पड़ने वाली चतुर्थियों में इस दिन मनाई जाने वाली चतुर्थी को सबसे बड़ी चतुर्थी माना जाता है।

विशेष लाभ देने वालेे महायोग में है गणेश चतुर्थी 
ज्योतिषियों के अनुसार इस दिन किए जाने वाले सभी कार्य चिरस्थाई व लाभ देने वाले होंगे। इस दिन जन्म लेने वाले बच्चे ख्याति प्राप्त करने वाले होंगे। उनकी वाणी और बुद्धि में चातुर्यता रहेगी। खरीदे जाने वाले वाहन, ज्वैलरी, भूमि, भवन, विशेष लाभ देने वाले होंगे। आमजन के कार्य सिद्ध होंगे। सभी कार्य धन, वैभव से परिपूर्ण होंगे।

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