गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने की देशवासियों से अपील

नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्‍या पर देश के नाम संबोधन में राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि हमारे लोकतन्त्र की सफलता के लिए, मतदान करना हमारा एक पुनीत कर्तव्य है।

मेरा आप सभी से अनुरोध है कि इस कर्तव्य का अवश्य पालन करें। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि इस चुनाव के दौरान हम सब अपने मताधिकार का प्रयोग, अपनी लोकतान्त्रिक मान्यताओं और मूल्यों के प्रति पूरी निष्ठा के साथ करेंगे ।

यह चुनाव, इस मायने में विशेष होगा कि 21वीं सदी में जन्म लेने वाले मतदाता पहली बार मतदान करेंगे और नई लोकसभा के गठन में अपना योगदान देंगे. यह चुनाव, सभी देशवासियों के लिए लोकतन्त्र में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

पूरी दुनिया के सामने मिसाल है हमारी डाइवर्सिटी, डेमोक्रेसी और डेवलपमेंट

राष्ट्रपति कोविन्द ने कहा कि भारत की बहुलता, हमारी सबसे बड़ी ताकत है. हमारी डाइवर्सिटी, डेमोक्रेसी और डेवलपमेंट, पूरी दुनिया के सामने एक मिसाल है।

देश के संसाधनों पर हम सभी का बराबर का हक है, चाहे हम किसी भी समूह के हों, किसी भी समुदाय के हों, या किसी भी क्षेत्र के हों. हमारी बेटियाँ, शिक्षा, कला, चिकित्सा और खेल-कूद के अलावा, हमारी तीनों सेनाओं और रक्षा विज्ञान जैसे क्षेत्रों में भी अपनी विशेष पहचान बना रही हैं।

उच्च शिक्षण संस्थानों में, पदक पाने वाले विद्यार्थियों में, प्रायः बेटियों की संख्या बेटों से अधिक होती है.राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 70वें गणतंत्र दिवस की पूर्वसंध्या पर देश को संबोधित किया।

उन्होंने देशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस साल गणतंत्र दिवस बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भारत की बहुलता हमारी सबसे बड़ी ताकत है। हमारी डाइवर्सिटी, डिमॉक्रेसी और डिवेलपमेंट, पूरी दुनिया के सामने एक मिसाल है।

उन्होंने कहा कि सभी वर्गों और सभी समुदायों को समुचित स्थान देने वाले राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ते हुए हमें एक ऐसे समाज का निर्माण करना है जिसमें हर बेटी-बेटे की विशेषता, क्षमता और प्रतिभा की पहचान हो और उसके विकास के लिए हर तरह की सुविधाएं और प्रोत्साहन उपलब्ध हों।

राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे महान गणतंत्र ने लंबी यात्रा तय की है लेकिन अभी हमें बहुत आगे जाना है। खासकर, हमारे जो भाई-बहन विकास की दौड़ में पीछे रह गए हैं, उन सबको साथ लेकर हमें आगे बढ़ना है।

उन्होंने कहा कि बापू की 150वीं जयंती, केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए, उनके आदर्शों को गहराई से समझने, अपनाने और अमल में लाने का अवसर है।

राष्ट्रपति ने कहा कि गांधीजी ने भारत ही नहीं बल्कि एशिया, अफ्रीका तथा दुनिया के कई अन्य देशों में साम्राज्यवाद को खत्म करने के लिए, लोगों में आत्म-विश्वास एवं प्रेरणा का संचार किया और उन्हें आजादी की राह दिखाई। बापू आज भी हमारे गणतंत्र के लिए नैतिकता के प्रकाश-पुंज हैं।

यह चुनाव, सभी देशवासियों के लिए लोकतन्त्र में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। चुनाव के समय, हम सब, साझेदारी और समानता पर आधारित समाजकी आशाओं और आकांक्षाओं के लिए अपनी प्रतिबद्धताको दोहराते हैं। हमारे लोकतन्त्र की सफलता के लिए, मतदान करना हमारा एक पुनीत कर्तव्य बन जाता है। मेरा आप सभी से अनुरोध है कि इस कर्तव्य का अवश्य पालन करें।

आज यह देखकर प्रसन्नता होती है कि नवीनतम टेक्नॉलॉजी को तेजी से अपनाते हुए हमारे किसान अधिक समर्थ और हमारे जवान अधिक सशक्त हो रहे हैं। टेक्नॉलॉजी और नई सोच के बल पर हमारे उद्यमी, विकास की नई इबारत लिख रहे हैं। आज दुनिया की निगाहें, हमारे युवा उद्यमियों और हमारी अर्थ-व्यवस्था पर टिकी हुई हैं।

देश के विभिन्न भागों में अपनी यात्राओं के दौरान,मैं समाज के हर वर्ग के लोगों के साथमिलता हूँ और देखता हूँ कि आम लोगों में,कठिन परिश्रम और ईमानदारी से हासिल की गईउपलब्धियों के प्रति,सराहना का भाव है। यह सराहना, उन वरिष्ठ नागरिकों के विचारों में और भी साफ झलकती है जिन्होंने अभाव के दौर को देखा है। यह सफलता हम सबने कड़ी मेहनत से हासिल की है।

अनेक क्षेत्रों में, हमने अभाव को प्रचुरता में बदला है। उदाहरण के लिए,आज देश में खाद्यान्न का प्रचुर मात्रा में उत्पादन हो रहाहै। रसोई गैस आसानी से मिल रही है। फोन कनेक्शन लेना हो या पासपोर्ट बनवाना हो; बैंक में खाता खुलवाना हो या दस्तावेजों को प्रमाणित करना हो; इन सभी क्षेत्रों में सुधार और बदलाव दिखाई दे रहे हैं।

महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में हो रहे सामाजिक बदलाव, अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। हमारी बेटियाँ,शिक्षा, कला, चिकित्सा और खेल-कूद जैसे क्षेत्रों के अलावा,हमारी तीनों सेनाओं और रक्षा विज्ञान जैसे क्षेत्रों में भी अपनी विशेषपहचान बना रही हैं। उच्च शिक्षण संस्थानों में, पदक पाने वाले विद्यार्थियों में,प्रायः बेटियों की संख्या बेटों से अधिक होती है। ऐसे बदलावों के, बहुआयामी लाभ मिल रहे हैं।

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राष्ट्रपति ने कहा कि आज देश में खाद्यान्न का प्रचुर मात्रा में उत्पादन हो रहा है। रसोई गैस आसानी से मिल रही है। फोन कनेक्शन लेना हो या पासपोर्ट बनवाना हो, बैंक में खाता खुलवाना हो या दस्तावेजों को प्रमाणित करना हो, इन सभी क्षेत्रों में सुधार और बदलाव दिखाई दे रहे हैं।

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