खेल संघों का फैसला, लॉकडाउन के बाद खिलाड़ियों को प्रवेश कोरोना टेस्ट कराने के बाद दिया जाए…

लॉकडाउन हो जाने की वजह से खिलाड़ियों की ट्रेनिंग भी रुक गई है. घरों में बंद रहकर सही से सेहत और प्रैक्टिस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. हालांकि ओलंपिक खेलों के लिए तैयारी कर रहे खिलाड़ियों के पास अभी और समय है. इस साल होने वाले ओलंपिक खेल अब अगले साल होंगे. इसी बात को देखते हुए IOA ने कुछ अहम फैसले लिए हैं.

IOA

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की प्रिपरेशन कमेटी (तैयारी समिति) की बैठक में राष्ट्रीय खेल संघों ने लॉकडाउन खुलते ही ओलंपिक की तैयारियां शुरू कराने को कहा है. खेल संघों ने ओलंपिक के एक साल के स्थगन को अपने हक में बताते हुए कहा कि तैयारियां रोकना ठीक नहीं है। कैंपों में सामाजिक दूरी का ख्याल रखा जाएगा। उन्हें अलग-अलग ग्रुपों में ट्रेनिंग कराई जाएगी। साथ ही कहा है कि कैंप में खिलाड़ियों को प्रवेश कोरोना टेस्ट कराने के बाद दिया जाए।

 

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वहीं साई ने दबाव के बाद सीमित खिलाड़ियों का कैंप लगाने का मन बनाया है। इसमें ओलंपिक का टिकट कटा चुके या क्वालिफाई की दौड़ में शामिल खिलाड़ी ही शिरकत करेंगे। साई ने खेल संघों से खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ के नाम मांगे हैं। हालांकि कैंप गृह मंत्रालय की मंजूरी से शुरू होंगे।

 

 

कैंप के लिए संभावितों के दिए नाम:

कैंप के लिए आर्चरी ने अतानु दास, दीपिका, तरुणदीप, प्रवीण जाधव, बोंबाइला समेत आठ-आठ पुरुष और महिला तीरंदाजों, वेटलिफ्टिंग में मीराबाई और जेरमी समेत नौ लिफ्टरों, शूटिंग में 15 कोटा हासिल करने वालों समेत 22 शूटर, बॉक्सिंग में  कोटा हासिल करने वाले नौ बॉक्सरों समेत 32 का नाम सौंपा गया है।

 

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