आज से 78 साल पहले इस जगह पर नाजियों ने खेली थी खून की होली, किया था…

वारसॉ। द्वितीय विश्व युद्ध छिड़ने की 78वीं बरसी के उपलक्ष्य में पोलैंड के शहर वाइलन और वेस्टरप्लेट प्रायद्वीप में शुक्रवार को स्मृति कार्यक्रम आयोजित किए गए। दोनों जगहों पर सबसे पहले हमले हुए थे। खबर के मुताबिक स्मृति कार्यक्रम में पोलिश राष्ट्रपति एंड्रेज ड्यूडा और प्रधानमंत्री बिएटा सिडलो शामिल हुए।

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बता दें कि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान पोलैंड में नाज़ियों के बनाए यातना शिविरों में लाखों लोगों की जान गई थी। 27 जनवरी 1945 को सोवियत सेना ने क़ैदियों को रिहा करवाया था। लाखों लोगों को यातना शिविरों में बने गैंस चैंबरों में डालकर मार दिया जाता था।

यातना शिविरों में मारे गए लाखों लोगों की याद में पोलैंड में कई स्मारक हैं जहाँ स्मृति सभाएँ होती हैं।

यहां एक म्यूज़ियम के अंदर करीब दो टन बाल रखे गए हैं। म्यूज़ियम की जानकारी के मुताबिक लोगों को मारने से पहले नाज़ी उनके बाल काट लेते थे ताकि उनसे कपड़े वगैरह बनाए जा सकें।

गौरतलब है कि वाइलन में एक कार्यक्रम में ड्यूडा ने इस बात पर जोर दिया कि द्वितीय विश्व युद्ध की याद में 78वीं बरसी के अवसर पर स्मरण करने, क्षमा करने और प्रायश्चित करने की जरूरत है। राष्ट्रपति ने द्वितीय विश्वयुद्ध में मारे गए लोगों की याद दिलाई। युद्ध में करीब तीन करोड़ लोग मारे गए थे, जिनमें 60 लाख पोलिश नागरिक थे।

ड्यूडा ने उम्मीद जताई कि भविष्य में ऐसी कोई घटना नहीं होगी।

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उत्तरी पोलैंड के वेस्टरप्लेट में प्रधानमंत्री सिडलो ने कहा, “पोलिश सैनिकों ने यूरोपीय राष्ट्रों की स्वतंत्रता के लिए युद्ध के हर मोर्चे पर लड़ाई की।”

वालिन में एक सितंबर, 1939 को नाजी जर्मनों ने बमबारी की थी।

उल्लेखनीय है कि 1 सितंबर 1939 कोबी जर्मनी ने पोलैंड पर हमला कर दिया था। इसके बाद द्वितीय विश्व युद्ध शुरू हो गया था। सन 1945 तक करीब छह साल चले इस युद्ध में दुनिया के करीब 70 देशों की सेनाएं आपस में भिड़ गई थीं। यह ऐसा वैश्विक संघर्ष था जिसने दुनिया की तब की जनसंख्या की तीन फीसदी आबादी खत्म कर दी थी।

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