खुदाई में मिला ऐसा पत्थर, जिसे छूने भर से ही आपकी हो जाएगी दर्दनाक मौत…

स्वतंत्रता दिवस के दिन ही 15 अगस्त को देशभर में नागपंचमी भी मनाई जा रही है। जगह—जगह नाग देवता की पूजा हो रही है। उन्हें दूध पिलाया जा रहा है। इस मौके पर हम आपको करीब 90 साल पुरानी ऐसी प्राचीन मूर्ति के बारे में बता रहे हैं, जो खेत में खुदाई के दौरान मिली थी।

इस मूर्ति को देखने के लिए दूर—दूर से लोग आते हैं।

खुदाई में मिला ऐसा पत्थर

खुदाई के दौरान निकली थी मूर्तियां

छत्तीसगढ़ के कांकेर शहर के अलबेलापारा में नाग देव और नागिन की प्राचीन मूर्ति स्थापित है। दोनों मूर्तियां साल 1930 में वार्ड में खुदाई के दौरान निकली थी। स्थानीय लोगों की मानें तो यहां रहने वाले भैयालाल जैन अपनी जमीन में पानी की सुविधा के लिए कुआं खुदवा रहे थे।

इसी दौरान तीन प्राचीन मूर्तियां निकली। इनमें नाग देव, नागिन और उनके बच्चे की छोटी मूर्ति शामिल हैं। उन्होंने इन मूर्तियों को निकालकर विधि-विधान से पूजा करवाई। इसके बाद वहीं पर एक मूर्तियों को स्थापित कर दिया। चबूतरा में नाग-नागिन के साथ शिवलिंग भी स्थापित किया गया।

पहले था घना जंगल, पानी के लिए खुदवा रहे थे कुआं

गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि पहले यहां घना जंगल हुआ करता था। उसी दौरान उनके पिता भैयालाल पानी संरक्षण के लिए कुआं खुदवा रहे थे। इसी दौरान नाग और नागिन की मूर्तियां मिली थीं।

बता दें, अलबेलापारा के रहने वाले लोगों में इन प्राचीन मूर्तियों पर काफी आस्था है। भैयालाल का परिवार और गांव के लोग नागदेव को अपना रक्षक मानते हैं।

सनातन परंपरा में नागपूजा का है विशेष महत्व

तोप समझकर इसके साथ सेल्फी ले रहे थे लोग, सच्चाई जानकर उड़ गए सबके होश…

देशभर में आज नागपंचमी मनाई जा रही है। सनातन परंपरा में नागपूजा का विशेष महत्व है।

श्रावण शुक्ल पंचमी का दिन नागपंचमी पर्व के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन नाग देवता की पूजा करने से उनकी कृपा मिलती और सर्प से किसी भी प्रकार की हानि का भय दूर हो जाता है।

भारत में कई ऐसे प्रसिद्ध मंदिर हैं जहां पर नागपंचमी के दिन पूजा करने से कुंडली का कालसर्प दोष दूर हो जाता है।

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