बजट 2018 में किसानों की खुशहाली… सरकार ने पूरा किया अधूरा रहा वादा

केंद्रीय वित्तमंत्रीनई दिल्ली| केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को वर्ष 2018-19 का आम बजट पेश करते हुए घोषणा की कि खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) किसानों की उत्पादन लागत का 1.5 गुना होगा। इसके साथ ही इस क्षेत्र के लिए संस्थागत ऋण 11 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया गया है। वर्ष 2018-19 का आम बजट पेश करते हुए जेटली ने कहा, “हमने पार्टी के घोषणा-पत्र में किसानों को लागत का 1.5 गुना मूल्य देने का वादा किया था। सरकार इस पर संवेदनशील रही है।”

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उन्होंने कहा, “अधिकांश अधिसूचित रबी फसलों के लिए उत्पादन लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य दिया जाता रहा है, लेकिन अब सरकार ने आने वाले खरीफ सीजन में सभी अधिसूचित फसलों के लिए एमएसपी को लागत का करीब डेढ़ गुना करने का निर्णय लिया है। इससे किसानों की आय दोगुनी करने में मदद मिलेगी।”

2017 में धान के लिए एमएसपी 1,550 रुपये, ज्वार के लिए 1,700 रुपये और अरहर पर 5,450 रुपये आंकी गई थी, जिस पर किसानों ने शिकायत की थी कि ये लागत मूल्य से काफी कम हैं।

मंत्री ने कहा कि केवल एमएसपी बढ़ाने से किसानों की आय बढ़ाना संभव नहीं है। इसलिए किसानों को लाभकारी मूल्य देने के लिए एक तंत्र सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।

जेटली के अनुसार, “किसानों को अधिसूचित एमएसपी से फायदा हुआ है। अगर बाजार मूल्य एमएसपी से कम है तो सरकार को किसान से एमएसपी पर खरीददारी करनी चाहिए या एक नया तंत्र तैयार करना चाहिए, ताकि किसानों को एमएसपी मिल सके। नीति आयोग केंद्र के साथ चर्चा कर लाभकारी कीमतों को सुनिश्चित करने के लिए एक ठोस प्रणाली बनाने का काम रहा है।”

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वित्त वर्ष 2018-19 के लिए संस्थागत कृषि ऋण के लिए 11 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जबकि पहले यह 10 लाख करोड़ रुपये था।

जेटली ने कहा कि देश में 585 में से 470 ‘मंडियां’ इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार के तहत आपस में जुड़ी थीं और बाकी इस साल मार्च तक जुड़ जाएंगी।

इसके साथ ही बजट में खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के लिए आवंटन राशि 715 करोड़ रुपये को दोगुना कर 1,400 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

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