क्य सच कह रहा है सैयद शुजा, EVM और आरोप के बीच की दास्तान

नई दिल्ली। चुनाव में ईवीएम की हैकिंग का मामला तूल पकड़ रहा है। सत्ता और विपक्षी पार्टियां कह रही हैं कि उन्होंने ईवीएम हैकिंग के लिए किसी से संपर्क नहीं किया। इस बीच अमेरिका में रह रहे भारतीय साइबर एक्सपर्ट सैयद शुजा के ईवीएम हैकिंग पर और दावे सामने आए हैं। शुजा ने कहा- हैदराबाद में मेरी टीम एक भाजपा नेता से मिली थी। हमने उसे ब्लैकमेल किया था। उसके बाद हमारे 11 साथी मारे गए।

उधर, चुनाव आयोग ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस उपायुक्त काे चिट्ठी लिखकर कहा है कि शुजा ने शांति भंग करने की नीयत से अफवाह फैलाने की साजिश की है। उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर तत्काल जांच शुरू की जाए। शुजा ने कहा, भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे ने मुझसे पूछा था कि क्या ईवीएम का ऐसा डिजाइन बना सकते हो, जिसे हैक नहीं किया जा सके। तब मुझे नहीं पता था कि मुंडे कौन हैं। मुंडे खुद अपनी सरकार का पर्दाफाश करने वाले थे। इसलिए उनकी हत्या कर दी गई थी। वह जानते थे कि ईवीएम में धांधली के कारण उनकी सरकार बनी है। ईवीएम हैकिंग के लिए भाजपा के अलावा कांग्रेस, सपा, बसपा, आम आदमी पार्टी सहित 12 दलों ने मुझसे संपर्क किया था।

शुजा ने कहा कि एक भारतीय पत्रकार अमेरिका में उनके पास आया था। उस पत्रकार ने कहा था कि वह पूरे मामले का पर्दाफाश करेगा, लेकिन उसने कोई स्टोरी नहीं चलाई। ‘हाऊ डेयर यू’ के लफ्जों के साथ यह पत्रकार रोजाना टीवी पर आता है। इतना ही नहीं, शुजा ने ईवीएम हैकिंग मामले को पत्रकार गौरी लंकेश की मौत से भी जोड़ा।

उन्होंने कहा कि गौरी लंकेश इस मामले पर स्टोरी करना चाहती थीं, लेकिन इससे पहले उनकी हत्या कर दी गई। शुजा का दावा है- उसकी टीम 2014 में हैदराबाद में एक भाजपा नेता से मिलने गई थी। टीम के सदस्यों ने उस नेता को ब्लैकमेल किया था। हालांकि, वह केवल मजाक था।

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शुजा ने कहा, हैदराबाद में मुझे और मेरे साथियों को गोली मारी गई। इसमें मेरे 11 साथी मारे गए। मैं घायल हो गया था। यह घटना हैदराबाद के उपनगरीय इलाके की है। अगले दिन हैदराबाद के किशनबाग में दंगे में तीन लोग मारे गए थे। मुझे जान का खतरा था, इसलिए अमेरिका चला गया।

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