क्या मंदिर में प्यासे मुसलमान बच्चे को पानी देने से इंकार करना ही है ‘रामराज्य’: शिवसेना

महाराष्ट्र में पहले से ही एंटीलिया केस को लेकर बवाल मचा हुआ है इसी बीच वहां राजनीतिक दलों में भी तीखी नोक-झोख देखने को मिल रही है। आपको बता दें कि शिवसोना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के के माध्यम से भाजपा पर निशाना साधा है। अपने मुखपत्र में उत्तर प्रदेश के एक मदिंर में हुए मुस्लिम बच्चे के साथ अनैतिक बरताव को लेकर शिवसेना ने कहा कि, “उत्तर प्रदेश के एक मंदिर में प्यासे मुसलमान बच्चे को पानी देने से इनकार कर दिया जाता है। ये कैसा राम राज्य है? जहां पानी नकार दिया गया, वहां मंदिर में ईश्वर का वास नहीं होना चाहिए!”

शिवसेना ने सामना में भाजपा को घेरते हुए कहा कि, “उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में जो हुआ वह झकझोरने वाला है. एक प्यासा बच्चा वहां के एक मंदिर में पानी पीने गया था। नल की टोंटी से दो घूंट पानी पीया तभी मंदिर से दो लोग दौड़ते हुए वहां आए। उस बच्चे को उन्होंने बेरहमी से पीटा. उस बच्चे को मारने के दौरान एक वीडियो तैयार करके ‘वायरल’ किया गया। उस प्यासे बच्चे को क्यों मारा? तो उसका धर्म मुसलमान था। उसका गुनाह यह है कि प्यासा होने के बावजूद वह प्यास मिटाने के लिए हिंदुओं के मंदिर में गया. मंदिर के बाहर एक बोर्ड पहले ही लगा था। मुसलमानों को अंदर प्रवेश नहीं!”

अपने मुखपत्र में इसे लेकर आगे कहा कि, “किस हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व हम कर रहे हैं? ऐसा सवाल मेरे मन में इस पूरे मामले को लेकर उठा। सहिष्णुता हिंदू धर्म का सबसे बड़ा अलंकार है। ऐसी घटनाएं जब सामने आती हैं तब यह अलंकार नकली सिद्ध होता है। लव जिहाद के विरोध में माहौल तैयार करना, गोमांस प्रकरण में हिंसाचार करना ये अब रोज की ही बात हो गई है। परंतु ये सब करने वाले और इस कृत्य का समर्थन करनेवाले अब प्यासे मुस्लिम बच्चे को उसके मंदिर में पानी पीने के लिए जाने की वजह से जो मारपीट की, उस घटना का भी समर्थन करेंगे क्या?”

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