कोर्ट ने हॉज काजी में मंदिर पर हमले की SIT जांच का अनुरोध ठुकराया

दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को वह जनहित याचिका खारिज कर दी जिसमें यहां पुरानी दिल्ली में एक मंदिर पर हुए हमले की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराने की मांग की गई थी।

अदालत ने कहा कि पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है और तुरंत कुछ भी नहीं किया जा सकता।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने कहा कि इस मामले के याचिकाकर्ता चाहते हैं कि 30 जून की घटना के लिए जिम्मेदार अपराधियों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाए। अदालत ने कहा कि उनकी ‘‘बहुत ज्यादा’’ उम्मीदें हैं।

अदालत ने कहा कि इस घटना के संबंध में तीन प्राथमिकी पहले ही दर्ज हो चुकी हैं और जांच भी चल रही है।

अदालत ने गृह मंत्रालय की ओर से पेश केन्द्र सरकार के वकील अनिल सोनी और पुलिस की ओर से पेश अधिवक्ता अनुपम श्रीवास्तव की दलीलों पर गौर किया कि घटना में भाग लेने वाले जिन लोगों की पहचान हुई है उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है।

श्रीवास्तव ने अदालत से कहा कि घटना के सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद, सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है और छह नाबालिगों को सुधार गृह भेजा गया है।

उन्होंने कहा कि जांच आगे बढने पर और गिरफ्तारियां हो सकती हैं क्योंकि सीसीटीवी फुटेज की जांच अब भी जारी है।

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पीठ ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि प्रतिवादी (केन्द्र, दिल्ली सरकार और पुलिस) घटना को लेकर गंभीर हैं। अपराध कानून लगाया जा रहा है और इसलिए हमें विशेष जांच दल गठित करने का कोई कारण नजर नहीं आता।

पुरानी दिल्ली के चावड़ी बाजार इलाके में एक स्कूटर खड़ा करने को लेकर हुए झगड़े ने एक मंदिर में तोड़फोड़ के बाद सांप्रदायिक रंग ले लिया था जिससे क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया था।

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