कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था मैं लापरवाही बरतने वाले 10 पुलिसकर्मी भेजे गए जेल

रिपोर्टः नफीस अली

मैनपुरी । दीवानी परिसर में बड़े कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर लापरवाही बरतने वाले एक महिला आरक्षी सहित 10 पुलिसकर्मी को निलंबित कर जेल भेजा है  । मैनपुरी दीवानी में कोट के अंदर बंदी के पैर में गोली लगने के मामले में जिला प्रशासन की ओर से पूरे घटनाक्रम का खुलासा कर दिया गया है ।

मंगलवार को जिला अधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह और पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने अपने जिलाधिकारी आवास पर प्रेस वार्ता कर पूरे घटनाक्रम का खुलासा करते हुए पूरे घटनाक्रम की एक एक बात मीडिया के सामने रखी है।

पहले आपको बता दें कि कोर्ट परिसर का पूरा घटनाक्रम क्या है सोमवार को करीब 1 बजे जेल से तिहरे हत्याकांड के आरोपी बंदी मनीष पुत्र सुखराम निवासी जलालपुर थाना करहल को पेशी पर लाया गया था। मनीष ने वर्ष 2012 में जमीन के विवाद को लेकर अपने पिता सुखराम, सौतेली मां सुषमा व सौतेले भाई अभिषेक की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड में मनीष सहित पांच लोग आरोपी बनाए गए थे। करहल पुलिस ने सभी आरोपियों को जेल भेज दिया था।

मुख्य हत्यारोपी मनीष घटना के बाद से ही मैनपुरी जेल में है सोमवार को जिला जेल से पुलिस सुरक्षा में इस बंदी को दीवानी की हवालात से एडीजे कोर्ट चतुर्थ पेशी पर ले जाया गय कठघरे में उसके साथ दो बंदी और थ अचानक तमंचे से चली गोली बंदी के बाएं पैर में लगी और वह गिर पड़ा। गोली लगते ही भगदड़ मच गई और लोग भागने लगे। जानकारी मिलते ही एसपी अजय कुमार पुलिस बल को लेकर दीवानी पहुंच गए। उन्होंने घटनास्थल की पड़ताल की और बंदी को जिला चिकित्सालय भिजवाया।

बताया गया कि घटना के समय न्यायाधीश तरुण कुमार कोर्ट के विश्राम कक्ष में थे दोनों ही अधिकारियों ने घटनाक्रम में कड़ी मेहनत करते हुए खुलासा कर दिया और पूरे घटनाक्रम को लेकर बताया कि आखिरकार इस घटनाक्रम को अंजाम क्यों दिया गया था खुद को गोली मारने वाले मनीष यादव ने अपने खुद के बहनोई को फ़साने के लिए इस पूरे घटनाक्रम को अंजाम दिया पूरे घटनाक्रम में सबसे महत्वपूर्ण बात जो थी कि आखिरकार इतनी कड़ी सुरक्षा के बीच में बंदी के पास तमंचा कैसे पहुंचा पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने बताया है कि मनीष यादव की पत्नी सीमा यादव अपने अंतर्वस्त्रों में तमंचे को लेकर आई थी ।

जिसने सुतली से तमंचा बांध रखा था और कोर्ट परिसर में ही बेंच पर बैठकर मनीष यादव को तमंचा साल के सहारे से दिया गया पुलिस ने घटना के बाद से पूरे मामले पर कड़ाई से कार्यवाही करते हुए पूरे घटनाक्रम से पर्दा उठा दिया और पुलिस अधीक्षक की ओर से पूरे घटनाक्रम में दोषी पाए जाने बाली सीमा यादव को भी गिरफ्तार कर लिया है इस घटनाक्रम में मनीष यादव का मामा विनोद यादव बी दोषी पाया गया है जिसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास लगातार जारी है सबसे बड़ी बात और सबसे बड़ी कार्रवाई इस घटनाक्रम में पुलिस अधीक्षक अजय कुमार की ओर से बवंडर कार्रवाई की गई है।

इस घटनाक्रम में लापरवाही बरतने वाले दो इंस्पेक्टर एक सब-इंस्पेक्टर एक महिला कॉन्स्टेबल और 6 पुरुष कॉन्स्टेबल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया साथ ही मामले में लापरवाही संलिप्तता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक की ओर से महिला कॉन्स्टेबल समेत सात पुलिसकर्मियों को भी घटनाक्रम में दोषी मानते हुए जेल भेजा जा रहा है पुलिस अधीक्षक ने पूरे घटनाक्रम में यह सबसे बड़ी कार्यवाही की है ।

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शायद अभी तक मैनपुरी जनपद में इतनी बड़ी कार्यवाही पुलिस कर्मियों के खिलाफ नहीं की गई घटनाक्रम में एक और दो महत्वपूर्ण बात सामने आई है कि अपने बहनोई को फंसाने के लिए आखिरकार कोर्ट रूम को ही क्यों चुना गया इस सवाल पर मनीष यादव की पत्नी सीमा ने पुलिस को बताया कि विनोद यादव जोकि फरार चल रहा है उसको किसी अधिवक्ता ने यह राय दी थी कि कोर्ट रूम को अगर इस घटना का स्थल बनाया जाएगा तो मामला बेहद गंभीर होगा और प्रिंस किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा पुलिस अधीक्षक की ओर से विनोद की गिरफ्तारी के बाद अधिवक्ता का नाम चेंज किया जाएगा और अधिवक्ता को भी ऐसी खतरनाक राय देने के मामले में दोषी मानते हुए अधिवक्ता के खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी

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