कोरोना दिशानिर्देश सिर्फ आम आदमी पर लागू, चुनावी रैलियों पर क्यों नहीं? चुनाव आयोग से HC का बड़ा सवाल

देश में एक बार फिर कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। दैनिक कोरोना मामलों के आंकड़े वकाई भयानक हैं। जिसे लेकर सरकार व प्रशासन काफी सख्ती बरतता दिखाई दे रहा है। कोरोना के मद्देनजर कई राज्यों में नाइट कर्फ्यू भी लगाया जा चुका है तो वहीं कई राज्यों में धारा 144। अब ऐसे में सवा यह उठता है कि क्या कोरोना के सभी दिशानिर्देश आम आदमी पर ही लागू होते हैं? यह सवाल इस लिए उठ रहा है क्योंकि राज्यों में चुनावी रैली के नाम पर हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं। लेकिन जब वहीं आम आदमी एक पास खड़े दिखाई देते हैं तो उन्हें नियमों का पाठ पढ़ाकर जुर्माना वसूल लिया जाता है।

कुछ इसी तरह के भेदभाव को ध्यान में रखते हुए दिल्ली कि उच्च न्यायलय ने चुनाव आयोग से बड़ा सवाल किया। उच्च न्यायलय ने अपने सवाल में कहा कि जब कोरोना के दिशानिर्देशों का पालन न करने पर आम आदमी पर फाइन लगाया जा रहा है तो वहीं चुनावी रैलियों को आयोजित करने वालों पर क्यों नहीं? जानकारी के लिए आपको बता दें कि चुनाव रैलियों को आधार बनाते हुए दिल्ली की उच्च न्यायलय में याचिका दायर की गई है। जिसके बाद न्यायलय ने सीधा सवाल चुनाव आयोग से किया है। दायर की गई याचिका पर कार्रवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

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