नया फरमान : बढ़ गई अब और भी मुश्किलें, पास तो होगा पैसा पर खर्च करने में आ जाएंगी छींके
नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद यूं तो कुछ समय के लिए केंद्र सरकार ने कैश ट्रांजेक्शन पर नियत सीमा तय कर दी थी। इसके बाद पैसों के जमा और निकासी पर बैंकों द्वारा चार्ज काटने का फरमान आया। अब सरकार ने कैश ट्रांजेक्शन पर एक नया शिगूफा दे दिया है। इसके अनुसार कोई भी व्यक्ति 2 लाख रुपये से ज्यादा कैश बैंक से निकाल तो सकता है, लेकिन किसी भी तरह की डील नहीं कर सकता।
कैश ट्रांजेक्शन
ख़बरों के मुताबिक़ कोई भी व्यक्ति एक दिन में केवल 2 लाख रुपये तक ही कैश में डील कर सकता है। साथ ही किसी भी तरह की घटना या इवेंट से जुड़े एक ही प्रोग्राम के लिए दो लाख रुपये से ज्यादा की कैश ट्रांजेक्शन नहीं कर सकता।
फाइनैंस एक्ट 2017 में कहा गया है कि इसका उल्लंघन करने वालों पर उतना ही जुर्माना लगाया जाएगा जितने की ट्रांजेक्शन की है।
सीबीडीटी ने कहा कि अगर आपको सरकार की तरफ से कोई रसीद मिलती है तो आप दो लाख रुपये से ज्यादा की कैश ट्रांजेक्शन कर सकते हैं।
बड़े कैश के लेनदेन को रोकने और काले धन पर लगाम लगाने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2017-18 के बजट में 3 लाख से ज्यादा की कैश ट्रांजेक्शन पर रोक लगाने का प्रस्ताव रखा था।
फाइनैंस बिल 2017 में संशोधन के बाद यह सीमा 2 लाख रुपये हो गई। जिसे बाद में संसद में पारित कर दिया गया।
इसी तरह राजस्व व्यय में कैश ट्रांजेक्शन की सीमा को 20 हजार रुपये से घटाकर 10 हजार रुपये कर दिया गया है।
इसके अलावा केन्द्र सरकार ने साफ किया है कि अब 1 जुलाई 2017 से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने और नया पैन कार्ड बनवाने के लिए आधार कार्ड जरूरी होगा।
सरकार ने वित्त विधेयक में एक अहम संशोधन का प्रस्ताव किया था जिसके तहत इनकम टैक्स रिटर्न भरने और नया पैन कार्ड बनवाने के लिए आधार संख्या को जरूरी बनाया गया था लेकिन यह कब से लागू होगा, इस पर संशय बरकरार था।
अब सरकार ने उसकी भी तारीख तय कर दी है। बिना आधार नंबर के भरे गए इनकम टैक्स रिटर्न को वैध नहीं माना जाएगा।
सरकार पिछले काफी समय से कई जरूरी सेवाओं के लिए आधार को जरूरी करती जा रही है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने जरूरी सेवाओं के लिए आधार की अनिवार्यता को खारिज कर दिया है।
वहीं केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने साफ़ किया कि एक दिन में 2 लाख रुपये से ज्यादा की कैश ट्रांजेक्शन करने का नियम बैंक, पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट और कॉपरेटिव बैंकों के ऊपर लागू नहीं होता।