
नई दिल्ली। पंजाब विधानसभा चुनाव के साथ अब दिल्ली विधानसभा के भी चुनाव हो सकते हैं। ऐसे कयास दिल्ली में आम आदमी पार्टी के 27 और विधायकों के खिलाफ लाभ के पद पर चुनाव आयोग को मिली एक शिकायत के बाद लगाए जा रहे हैं। वहीं इससे पहले संसदीय सचिव बनाए जाने पर केजरीवाल के 21 विधायकों की सदस्यता पहले से ही खतरे में है। ऐसे में 27 विधायकों के खिलाफ चुनाव आयोग को मिली नई शिकायत पर अगर कार्रवाई होती है तो दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर संकट आ जाएंगे।
केजरीवाल सरकार पर नई मुसीबत
आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी के 27 विधायकों के ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में फंसने की खबर है। इसको लेकर चुनाव आयोग में आम आदमी पार्टी के 27 विधायकों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है। ये शिकायत विधि के एक छात्र विभोर आनंद ने दर्ज कराई है।
अपनी शिकायत में विभोर ने आरोप लगाए हैं कि आप ने अपने इलाके के सरकारी अस्पतालों में इन 27 विधायकों को रोगी कल्याण समिति का अध्यक्ष बनाया है। विभोर का कहना है कि केंद्र सरकार की 2015 की गाइडलाइंस के अनुसार रोगी कल्याण समिति का अध्यक्ष सिर्फ स्वास्थ्य मंत्री, क्षेत्रीय सांसद, जिला पंचायत अध्यक्ष या फिर जिलाधिकारी को ही बनाया जा सकता है।
इस शिकायत में कहा गया है कि विधायकों को सरकारी अस्पतालों में कमरे दिए गए हैं। साथ ही इन पर यह भी आरोप है कि सभी विधायकों को सरकारी अस्पताल में निजी ऑफिस भी मुहैया कराए गए हैं। अध्यक्ष के पास अस्पताल से जुड़े काम करवाने के साथ साथ नियुक्ति तक करवाने का अधिकार हासिल है। यही वजह है कि इसे लाभ का पद माना गया है।
इन 27 विधायकों में 8 विधायक ऐसे हैं जो पहले से ही संसदीय सचिव मामले में फंसे हुए हैं। इससे अब ये तो साफ है कि केजरीवाल के 40 विधायकों की सदस्यता पर तलवार लटक रही है। वहीं 70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा से अगर 40 विधायकों की सदस्यता को रद कर दिया जाता है तो दिल्ली में एक बार फिर चुनाव कराए जाएंगे।