कृषि मंत्री की चेतावनी, बिहार में फसल अवशेषों को जलाने के लिए होगी दंडात्मक कार्रवाई

मोहम्मद हारिस सिद्दीकी:-
फसल अवशेषों को जलाए जाने की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए बिहार के कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने उनके राज्य में इस घटना को अंजाम देने वालो के खिलाफ ‘दंडात्मक कार्रवाई’ करने की चेतावनी दी है। उनका कहना है की इससे मिट्टी की उत्पादक क्षमता कम होती है।

बिहार विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए कृषि विभाग के 3,335.47 करोड़ों रुपये के बजटीय की मांग रखी गयी जिसकी चर्चा करते हुए कृषि मंत्री ने सदन को बताया कि राज्य के कई जिलों में फसल अवशेष जलाए जाने की समस्या बढती जा रही है जिस वजह से मिट्टी की उत्पादकता घट रही है। इसपे रोक लगाने के लिए किसानों के बीच जागरूकता पैदा करने की पहल की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आदेश दिया कि वे हेलीकॉप्टरों के जरिए हवाई निरीक्षण करें और किसानों को फसल अवशेष को जलाने के दुष्प्रभाव होने के बारे में बताये। पंजाब का उद्दाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यहां के किसानों ने भी अवशेष को खेतों में जलाना शुरू कर किया है। इसको रोकने के लिए राज्य सरकार किसानों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई भी कर सकती है। अन्न देने वाली धरती माता को इस तरह से जलना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में निजी निवेश को आकर्षित करने और बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने ‘बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति 2020’ को मंजूरी दी है।

मंत्री का कहना है कि कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति का उद्देश्य राज्य में मखाना, फल, सब्जियां, शहद, औषधीय एवं सुगंधित पौधों, मक्का, चाय और बीजों के लिए प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करने के वास्ते निवेशकों और उद्यमियों को आकर्षित किया जाना चाहिए। आगे बताया कि निवेशक और किसान उत्पादक समूह को परियोजना लागत की पूंजीगत सब्सिडी के रूप में 15 प्रतिशत और 25 प्रतिशत मिलेगा।

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