देश को मिला 1000 मेगावाट बिजली देने वाला कुडनकुलम परमाणु संयंत्र

कुडनकुलम दिल्‍ली। तमिलनाडु के कुडनकुलम स्‍थ‍ित न्‍यूक्‍ल‍ियर पावर प्‍लांट के यूनिट 1 को बुधवार को चालू कर दिया गया। वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए रूसी राष्‍ट्रपति ब्‍लादिमीर पुतिन, पीएम नरेंद्र मोदी और राज्‍य की सीएम जयललिता इसके उद्घाटन में शामिल हुए।

इस मौके पर मोदी ने कहा कि देश में स्वच्छ उर्जा उत्पादन बढ़ाने के लिये किये जा रहे निरंतर प्रयास में कुडनकुलम-एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

गौरतलब हो कि रूसी तकनीक से बना यह प्लांट वर्ष 2014 से कार्यरत है। इसमें 1,000 मेगावॉट बिजली पैदा होती है, जिसमें आधी तमिलनाडु को दी जा रही है। तमिलनाडु में तिरुनेलवेली जिले के कुडनकुलम में भारत की आणविक ऊर्जा प्लांट संचालक न्यूक्लियर पॉवर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया 1,000 मेगावॉट के दो रूसी रिएक्टर स्थापित कर रही है।

कुडनकुलम में इन रिएक्टरों की स्थापना भारतीय परमाणु ऊर्जा कॉरपोरेशन और रूस की आणविक नियामक संस्था रोसाटॉम की एक सहायक इकाई संयुक्त रूप से कर रहे हैं। इस समझौते पर 1988 में भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी तथा तत्कालीन सोवियत संघ के राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचोव ने हस्ताक्षर किए थे, लेकिन सोवियत संघ के विघटन के बाद उत्पन्न हुए हालात की वजह से यहां निर्माण कार्य वर्ष 1999 में शुरू हो पाया।

कुडनकुलम परियोजना से तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश तथा केरल सहित कई राज्यों को बिजली आपूर्ति किए जाने की संभावना है। फिलहाल यहां कम से कम दो और रिएक्टर बनाए जाने की योजना है। परमाणु-विरोधी आंदोलन का चेहरा माने जाने वाले एसपी उदयकुमार ने आरोप लगाया, पिछले दो साल में पहली इकाई 32 बार बंद हुई, और ऊर्जा उत्पादन के लिए भरोसेमंद इकाई बनने की दिशा में लड़खड़ाकर ही बढ़ रही है।

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