किसानों से चर्चा के लिए केंद्र 24 घंटे तैयार : केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल
कृषि कानून के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि किसानों के साथ चर्चा करने के लिए केंद्र 24 घंटे तैयार है। गोयल ने कहा कि यदि किसानों के प्रदर्शन को नक्सलियों और माओवादियों से मुक्त किया जाए, तो हमारे किसान निश्चित रूप से समझेंगे कि कानून उनके और देश के हित में हैं। इसके बाद भी अगर उन्हें कोई संदेह है, तो हम बातचीत के लिए तैयार हैं।
गोयल ने कहा कि मुझे विश्वास है कि अधिकांश किसान कानूनों के साथ खड़े हैं, उनमें से कुछ के पास कुछ संदेह था जो बातचीत के माध्यम से हल किए गए थे। एक मुद्दे को लेकर अड़े रहना और बातचीत से हटने पर समाधान कभी नहीं मिलता है, यह दर्शाता है कि आंदोलन उनके हाथों से बाहर निकल गया है।
हम भारत के किसानों पर पूरी तरह भरोसा करते हैं, वे शांतिप्रिय हैं और वे हमारे ‘अन्नदाता’ हैं। हम उनका सम्मान करते हैं और हमें विश्वास है कि वे माओवादी और नक्सल ताकतों को देश भर में लोगों को प्रभावित करने की अनुमति नहीं देंगे।
नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन अब किसानों का आंदोलन नहीं रह गया है। इसमें वामपंथी और नक्सल तत्वों की घुसपैठ हो गई है। रेल तथा वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि कृषि सुधारों को पटरी से उतारने की कोशिश की जा रही है। हालांकि गोयल ने प्रदर्शन स्थलों पर देखे गए प्रतिबंधित संगठनों के किसी सदस्य के खिलाफ कार्रवाई पर कोई टिप्पणी नहीं की।
मंत्री ने भरोसा दिलाया कि ये कानून देशभर के करीब 10 करोड़ किसानों के फायदे के लिए हैं। यह सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है जिसने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के तहत खरीद को लगभग दोगुना कर दिया है। एमएसपी पर खतरे की बात गलत है। मंत्री ने कहा, ‘इस सरकार ने सुनिश्चित किया है कि किसानों को उनकी उपज की लागत से डेढ़ गुना कीमत मिले। सरकार ने कृषि बजट को करीब छह गुना बढ़ाया है।’ गोयल ने उद्योग क्षेत्र के लोगों से अपने प्रभाव क्षेत्र में आने वाले किसानों को इस बारे में समझाने की अपील की।