किसानों को लेकर सरकार से भिड़ी कांग्रेस, कहा- देश जानना चाहता है “राजधर्म” बड़ा है या “राजहठ”

किसानों को लोकर विपक्ष लगातार सत्तारूढ़ी सरकार पर हमला कर रही है। इसी कड़ी में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भी किसानों को लेकर सरकार से प्रश्न करते हुए कहा कि कड़ाके की ठंड में भी किसानों को आंदोलन (Kisan Protest) के लिए मजबूर कर रही है सरकार। साथ ही कहा कि सरकार को किसानों की बात सुननी चाहिए। राहुल ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि देश के किसान ठंड में सड़क पर बैठने को मजबूर हैं और सरकार उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है। साथ ही राहुल ने सराकार से जबाव मांगते हुए कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि किसानों को अभी कितनी आहुति देनी होगी।

किसान आंदोलन को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने भी कहा कि, “पिछले 17 दिनों में 11 किसान भाईयों की शहादत के बावजूद निरंकुश मोदी सरकार का दिल नहीं पसीज रहा। वह अब भी अन्नदाताओं के साथ नहीं, अपने धनदाताओं के साथ क्यों खड़ी है। देश जानना चाहता है-“राजधर्म” बड़ा है या “राजहठ” किसान आंदोलन।”

सुरजेवाला ने आगे सरकार को घेरते हुए कहा कि, “लोकतंत्र में निरंकुशता का कोई स्थान नहीं। आप और आपके मंत्रियों की नीति हर विरोधी को माओवादी और देशद्रोही घोषित करने की है। भीषण ठंड और बरसात में जायज़ माँगों के लिए धरने पर बैठे अन्नदाताओं से माफ़ी माँगिए और उनकी माँगें तत्काल पूरी करिए।”

इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार ‘लल्लू’ (Ajay Kumar Lallu) ने भी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी के द्वारा किसान आंदोलन को बदनाम किया जा रहा है। लल्लू ने कहा कि, “किसानों द्वारा अपने जायज हक के लिए जारी आंदोलन एवं भारत बंद की व्यापक सफलता से भयभीत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उनकी सरकारें किसान आंदोलन को बदनाम करने का षड़यंत्र और कुचक्र कर रही हैं।” बीते शुक्रवार को लल्लू ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि, “देश के किसानों को एक तरफ आतंकवादी और भारत विरोधी बताया जा रहा है तो आंदोलन स्थल पर विभिन्न प्रकार के षड़यंत्रों के माध्यम से उसे बदनाम करने की भी कोशिश की जा रही है, जो लोकतांत्रिक, संवैधानिक और राजनैतिक मयार्दा के विपरीत है।”

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