नाबालिग हो जाएं सावधान, उन्हें भी मिलेगी वयस्क की सजा

किशोर की हत्यानई दिल्ली। बड़े-बड़े अपराध करके भी घुमने वाले नाबालिग अपराधियों को अब कतई बख्शा नहीं जाएगा। इस बात को साफ़ करते हुए संशोधित जुवेनाइल जस्टिस कानून के तहत देश में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी किशोर को उम्रकैद की सजा दी गई। मंगलवार को झाबुआ के 2 किशोरों को एक किशोर की हत्या के जुर्म में उम्र कैद की सजा सुनाई गई। आपको बता दें कि पीड़ित राधु नाना पालिया को बीते साल 5 दिसंबर को सिर्फ 500 रुपए के लिए छुरा घोंप दिया था। उसे स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।

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किशोर की हत्या पर नाबालिगों को उम्र कैद

पालिया की मौत के जिम्मेदार 2 किशोर की पहचान की गई जिनकी उम्र 16 और 17 साल थी। उन्हें सुधारगृह भेज दिया गया था, लेकिन जब उनका परीक्षण किया गया तो शारीरिक और मानसिक रूप से ये स्वस्थ पाए गए और ये भी साबित हुआ कि उन दोनों के पास इतनी समझ थी कि वो कितनी भयानक वारदात को अंजाम देने जा रहे हैं।

इलाके के पुलिस अधीक्षक महेश चंद्र जैन ने बताया कि इस मामले को एडिशनल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के सामने पेश किया गया। जहां न्यायाधीश ए.ए खान ने जुवेनाइल जस्टिस की आईपीसी धारा 302, 15 और 16 के तहत दोनों किशोरों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।

महेश चंद्र जैन ने बताया कि ‘ये एक जघन्य अपराध है लेकिन दुर्लभतम केस न होने की वजह से हमने इस मामले में मृत्युदंड की सजा की मांग नहीं की’ थी। ये ऐसा पहला मामला है जब किसी किशोर को गंभीर अपराध करने के लिए वयस्क अपराधी की तरह सजा दी गई है।

कोर्ट के इस निर्णय के बाद ये साफ़ है कि अपराध करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा, चाहे वो बालिग़ हों या नाबालिग।

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