
उत्तर प्रदेश के कासगंज में पुलिस हिरासत में एक युवक की मौत का मामला अब सियासी रंग ले चुका है। विपक्षी दल इस घटना पर लगातार योगी सरकार पर हमला बोल रहा है। इस घटना को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, बसपा सुप्रीमो मायावती और एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने योगी सरकार पर निशाना साधा रहे हैं।

राहुल गांधी-
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘क्या उत्तर प्रदेश में मानवाधिकार नाम की कोई चीज़ बची है?’’
प्रियंका गांधी–
कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका ने ट्वीट कर आरोप लगाया, ‘‘कासगंज में अल्ताफ, आगरा में अरुण वाल्मीकि, सुल्तानपुर में राजेश कोरी की पुलिस हिरासत में मौत जैसी घटनाओं से साफ है कि रक्षक, भक्षक बन चुके हैं. यूपी पुलिस हिरासत में मौत के मामले में देश में सबसे ऊपर है. बीजेपी राज में कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट है. यहां कोई भी सुरक्षित नहीं है.’’
अखिलेश यादव–
राज्य के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा, ‘’कासगंज में पूछताछ के लिए लाए गए युवक की थाने में मौत का मामला बेहद संदेहास्पद है. लापरवाही के नाम पर कुछ पुलिसवालों का निलंबन सिर्फ़ दिखावटी कार्रवाई है. इस मामले में इंसाफ़ और बीजेपी के राज में पुलिस में विश्वास की पुनर्स्थापना के लिए न्यायिक जांच होनी ही चाहिए. #भाजपा_ख़त्म.’’
मायावती–
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा, ‘’कासगंज में पुलिस कस्टडी में एक और युवक की मौत अति-दुखद और शर्मनाक है. सरकार घटना की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों को सख़्त सजा दे और पीड़ित परिवार की मदद भी करे. यूपी सरकार आएदिन कस्टडी में मौत रोकने और पुलिस को जनता की रक्षक बनाने में विफल साबित हो रही है यह अति-चिन्ता की बात.’’
असदुद्दीन ओवैसी–
असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर कहा, ‘’इस केस में शामिल पुलिस वालों को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए और अल्ताफ के परिवार को मुआवजा भी दिया जाना चाहिए. उत्तर प्रदेश में पुलिस का अत्याचार दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है.’’
क्या है मामला ?
दरअसल, उत्तर प्रदेश के कासगंज में पुलिस अभिरक्षा में एक युवक ने आत्महत्या कर ली थी। हालांकि, परिजन उसे हत्या बता रहे हैं। वहीं इस मामले में आया पुलिस का बयान चौंका देने वाला था। बकौल पुलिस कप्तान का कहना था कि आरोपी युवक ने अपनी जैकेट की डोरी से फांसी लगाकर जान दी है। लेकिन ये बात परिजन स्वीकार नहीं कर रहे है। उधर, पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए इंस्पेक्टर सहित पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था
मामले में पुलिस अधीक्षक रोहन प्रमोद बोत्रे ने बताया कि मंगलवार को एक नाबालिग लड़की को कथित रूप से बहला-फुसलाकर साथ ले जाने के एक मामले में पूछताछ के लिए नगला सैयद इलाके के रहने वाले अल्ताफ (22) नामक युवक को हिरासत में लिया गया था।
पूछताछ के दौरान अल्ताफ ने हवालात के अंदर बने बाथरूम में जाने की इच्छा जताई थी। इस पर उसे इजाजत दे दी गई। वहां उसने जैकेट के हुड में लगी डोरी को बाथरूम के नल में फंसा कर अपना गला घोंटने की कोशिश की। जबकि मृतक के परिजन ने आरोप लगाया है कि पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटे जाने की वजह से उसकी मौत हुई है।





