कामयाब होता दिख रहा है बंगाल में अमित शाह का मिशन, लेकिन कैसे

आखिरी दौर का मतदान शुरू होते ही पश्चिम बंगाल सहित तमाम राज्यों के एग्जिट पोल का सिलसिला शुरू हो गया। 2014 में महज दो सीटें जीतने वाली भाजपा को यहां जबरदस्त फायदा होता दिख रहा है। छह एग्जिट पोल में भाजपा को दो अंकों में सीटें मिलती दिख रही हैं। इनमें से एक एग्जिट में भाजपा को 23 से भी ज्यादा सीटें दी गई हैं।

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अगर एग्जिट पोल को सही माना जाए तो अमित शाह अपने मिशन में मोटे तौर पर कामयाब होते दिख रहे हैं। बता दें कि अमित शाह ने बंगाल में 23 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। शुरू से ही कहा जा रहा था कि 23 सीटें जीतना आसान नहीं है अगर भाजपा 10 सीटों के आसपास भी रह जाए तो उसकी बड़ी कामयाबी रहेगी। अगर औसत निकाला जाए तो ये करीब 15 सीट रहता है।

2014 चुनाव में भाजपा को यहां महज दो सीटें मिली थीं। आसनसोल से बाबुल सुप्रियो ने जीत हासिल की थी और उन्हें मंत्री भी बनाया गया था। भाजपा को दूसरी सीट दिलाई थी एसएस अहलूवालिया ने जिन्होंने दार्जीलिंग से जीत हासिल की थी। इस बार भी भाजपा ने इन दोनों पर इसी सीट से उम्मीदवार बनाया है।

बता दें कि बंगाल में इस बार जबरदस्त सियासी घमासान मचा रहा। यहां सात चरणों में मतदान हुआ और हर चरण में हिंसा और झड़प हुई। चुनाव आयोग को यहां बड़ी संख्या में केंद्रीय सुरक्षाबलों को तैनात करना पड़ा।प्रचार के दौरान टीएमसी और भाजपा में हिंसा का दौर भी चला। दोनों ने एक दूसरे को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। कोलकाता में अमित शाह के रोड शो में सारी हदें पार हो गईं।

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भाजपा-टीएमसी की भिड़ंत में ईश्वर चंद्र विद्यासागर की मूर्ति तक तोड़ दी गई। मामला यहां तक पहुंच गया कि आयोग ने पहली बार चुनाव प्रचार का समय एक दिन घटा दिया। इसे लेकर भी घमासान मचा और टीएमसी सहित विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भाजपा, पीएम मोदी और अमित शाह के इशारे पर काम कर रहा है।

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