कानपुर के संजीत यादव मर्डर केस की होगी सीबीआइ जांच,सीएम योगी ने की सिफारिश

कानपुर। कानपुर में लैब टेक्नीशियन संजीत यादव के अपहरण और उसके बाद हत्या मामले में रविवार को योगी सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है। उधर पुलिस की नाकामी से आहत संजीत यादव का परिवार कानपुर के शास्त्री चौक पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गया है। धरने पर बैठी पिता, मां और बहन का कहना है कि जब तक इस अपहरण कांड का खुलासा नहीं हो जाता और उन्हें न्याय नहीं मिलता उनका धरना जारी रहेगा।

परिवार ने सरकार के सामने पांच मांगें भी रखी हैं। बहन रूचि की मांग है कि संजीत यादव अपहरण व हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराई जाए। बहन का कहना है कि उसका भाई जिस भी हालत में हो उसे बरामद कर उन्हें सौंपा जाए ताकि रक्षाबंधन त्यौहार वह अपने भाई की कलाई पर राखी बांध सके। साथ ही उसका कहना है कि पकडे़ गए आरोपियों का लाई डिटेक्टर और नार्को टेस्ट करवाया जाए। जिससे सच्चाई सामने आ सके। बहन की मांग है कि अपहरण व हत्या में शामिल दोषियों को फांसी की सजा दी जाए।
मामले में पांच आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उनकी निशानदेही पर पुलिस संजीत के शव को पंडू नदी में तलाश रही है। हफ्ते भर से ज्यादा का वक्त गुजर जाने के बाद भी अभी तक संजीत का शव पुलिस के हाथ नहीं लगा है। उधर मामले में चार पुलिस अफसरों पर गाज भी गिरी है।

बता दे कि कानपुर के बर्रा इलाके में रहने वाले लैब टेक्नीशियन संजीत का बीती 22 जून को अपहरण किया गया था। 26 जून को उसकी हत्या कर दी थी। 29 जून को उसके परिवार वालों के पास फिरौती के लिए फोन आया। 30 लाख रुपए फिरौती मांगी गई की थी। परिवार का आरोप है कि उन्होंने पुलिस की मौजूदगी में 30 लाख की फिरौती दी, इसके बाद भी उनका बेटा नहीं मिला। इस मामलें में संजीत के दो दोस्तों को बीते गुरुवार को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि उन्होंने संजीत का शव पांडु नदी में फेंक दिया था। इस मामले में एक आईपीएस समेत 11 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है।

LIVE TV