
नई दिल्ली। यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस एक्टिव मोड में आ गई है। दो दिन पहले राज बब्बर को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के बाद अब कांग्रेस ने शीला दीक्षित को सीएम कैंडिडेट बनाया है|
कांग्रेस ने इस बार ब्राह्मण कार्ड खेलने की ठानी है। शीला दीक्षित को सीएम कैंडिडेट के तौर पर प्रोजेक्ट करने की चर्चा कई दिनों से जारी थी|
कांग्रेस के यूपी प्रभारी गुलाम नबी आज़ाद ने शीला को कर्मठ, इमानदार, और साफ़ छवि वाला नेता बताया है| उनका कहना था कि शीला के आने से यूपी में पार्टी को मजबूती मिलेगी|
कांग्रेस सीएम कैंडिडेट का नाम मीटिंग में हुआ तय
पिछले कई दिनों से कांग्रेस सीएम कैंडिडेट को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई थी। जानकारी के अनुसार कोई ऐसा नाम नहीं मिल रहा था जिसपर सभी नेताओं की राय एक हो। इसी मामले को लेकर राज बब्बर चुनाव प्रभारी गुलाम नबी आजाद से मिलने दिल्ली भी गये थे, जहां यह तय हुआ कि शीला दीक्षित को यूपी के सीएम कैंडिडेट के तौर पर प्रोजेक्ट किया जाये।
शीला दीक्षित के सामने चुनौती
यूपी में 10 से 12 फीसदी ब्राह्मण हैं। फिलहाल यूपी में ज्यादातर ब्राह्मण बीजेपी और बीएसपी को अपना वोट देते हैं। शीला के सामने सबसे ब़ड़ी चुनौती इन्हीं ब्राह्मण मतदाताओं को साधने की है। कांग्रेस भी पिछले कई दिनों से अपना गुण गणित कर रही थी जिसके बाद यही निष्कर्ष निकला कि यूपी की गद्दी ब्राह्मणों के साथ से ही मुमकिन है। इसी के मद्देनजर आखिरकार शीला दीक्षित के नाम पर मुहर लगा दी गयी।
शीला दीक्षित ने बतौर सीएम दिल्ली में बहुत अच्छा काम किया है और उनके इस छवि के सहारे कांग्रेस यूपी को जीतना चाहती है।इसके अलावा शीला कन्नौज से एक बार सांसद भी रह चुकी हैं। साथ ही शीला का यूपी में उन्नाव और कन्नौज से भी कनेक्शन है। यूपी छोड़ने के बाद वेे यहांं की सक्रिय राजनीति से दूर थीं।