15-20 को बाहर करो वरना हो जाएगा कांगेस का THE END

कांग्रेस की हारनई दिल्ली। कांग्रेस को एक के बाद एक मिल रही हार के बाद पार्टी के भीतर ही भूचाल उठने लगे हैं। पांच विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद पार्टी में ‘बड़े बदलाव’ की मांग एक बार फिर उठी है। पार्टी के पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कई नेताओं पर हमला करते हुए उन्हें जबरन छुट्टी पर भेजने को कहा है। इस नेता का आरोप है कि ये वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी को ‘दिग्भ्रमित’ कर रहे हैं।

कांग्रेस की हार से पार्टी में भूचाल

मनमोहन सरकार में आदिवासी मामलों के मंत्री रह चुके वी किशोर चंद्र देव ने कहा कि मोदी सरकार को पहले नहीं तो 2019 में तो चले ही जाना है ऐसे में अगर कांग्रेस अब नहीं संभली तो छोटे-छोटे क्षेत्रीय दल कई राज्यों में उठ खड़े होंगे।

कांग्रेस नेता देव ने दिल्ली का उदाहरण देते हुए कहा कि, यहाँ अचानक आम आदमी पार्टी आई और सत्ता में बैठ गई। देव ने कांग्रेस के ख़त्म होने का डर जाहिर करते हुए कहा कि यही हाल रहा तो उन 15-20 राज्यों में भी यही होगा जहां कोई स्थापित क्षेत्रीय दल इस समय नहीं है।

पीटीआई भाषा को दिए इंटरव्यू में देव ने कहा कि कांग्रेस के लिए अब आत्ममंथन करने का वक्त नहीं है। अब कड़े कदम उठाने का समय है। उन्होंने पार्टी के बड़े नेताओं का नाम लिए बगैर उन पर तीखा हमला बोला साथ ही कहा कि इन 15-20 नेताओं को अनिवार्य छुट्टी पर भेज दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की हार के बाद अब बिना देरी किये कड़े कदम उठाये जाने चाहिए।

पूर्व केंद्रीय मंत्री देव ने आगे कहा कि ऐसा इसलिए जरूरी है क्योंकि संगठन में रहकर एआईसीसी प्रमुख बनना हो, पीसीसी प्रमुख बनना हो या फिर केंद्रीय मंत्री बनना हो, वे ‘कुर्सियों का खेल’ खेल रहे हैं।

कांग्रेस लीडर देव का निशाना साफ तौर पर निशाने पर पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी के आसपास रहने वाले और उन्हें विभिन्न मुद्दों पर सलाह देने वाले नेता थे। उन्होंने साथ ही एआईसीसी सचिवालय में अलग-अलग पदों पर बैठे लोगों पर इशारों में हमला किया। उन्होंने कांग्रेस की हार के लिए इन्हीं नेताओं को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी हों या राहुल गांधी, ये नेता नेतृत्व को दिग्भ्रमित करने का काम ही कर रहे हैं। अगर नेतृत्व को गलत जानकारी दी जाती है तो आप फिर कैसे अच्छे परिणामों की उम्मीद कर सकते हैं? उन्होंने कहा कि इन नेताओं को जबरन छुट्टी पर ‘कुछ साल का’ के लिए भेज देना चाहिए।

संगठन के गलत तरीके से चलाए जाने के तरीके से दुखी देव ने कहा कि कुछ चीजों पर नियम और दिशानिर्देश स्पष्ट तौर पर हैं, जो इनका पालन नहीं होता है।

देव ने कांग्रेस की हार के बाद संगठन में बड़े बदलाव को समर्थन देते हुए कहा कि कांग्रेस को अनुभव और जोश के मिश्रण की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पार्टी में आज भी कई कुशल लोग हैं और पार्टी को उनकी कुशलता का इस्तेमाल करना चाहिए।

इंदिरा गांधी के शासनकाल का उदहारण देते हुए देव ने कहा कि देवराज अर्स और जे. वेंगल राव ‘जाने-माने नेता नहीं’ थे लेकिन इंदिरा गांधी ने उन्हें कर्नाटक और आंध्रप्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया।

असम में कांग्रेस को भाजपा से मिली हार पर देव ने निवर्तमान मुख्यमंत्री तरूण गोगोई पर भी निशाना साधा और कहा कि वो उम्रदराज हैं और वह ‘अपने इस कार्यकाल में लड़खड़ा गए थे।’

देव इससे पहले भी पार्टी नेताओं पर हमला बोल चुके हैं। लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के कुछ ही समय बाद देव ने हमला बोलते हुए कांग्रेस की ऐसी  स्थिति में आने के लिए जड़हीन और रीढ़ विहीन लोगों को जिम्मेदार ठहराया था।

आंध्रप्रदेश से पांच बार लोकसभा सदस्य रह चुके देव ने राहुल गांधी को भी अपने निशाने पर लिया था और उनको भी पार्टी की इस हालत के लिए जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने कहा कि उपाध्यक्ष बनने के बाद अगर राहुल ने किए हुए वादों में से आधे भी पूरे कर दिए होते तो पार्टी का यह हश्र न होता। उन्होंने यह भी सुझाव दिया था कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी को जड़हीन और रीढ़विहीन लोगों दूर रहने के माध्यम खोजने चाहिए।

इससे पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ‘बड़े बदलाव’ का सुझाव दिया था। उन्होंने ट्वीट में कहा था कि ‘आज के नतीजे निराशाजनक हैं लेकिन ये अप्रत्याशित नहीं हैं। हमने काफी आत्म चिंतन कर लिया है, अब क्या हमें बड़ा बदलाव नहीं करना चाहिए?’

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