कश्‍मीर को सुलगाने के लिए अब ‘रॉबिनहुड’ की मदद लेगा पाकिस्तान

कश्‍मीरनई दिल्ली। कश्‍मीर में हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर और पोस्टर ब्वॉय बुरहान वानी की मौत को कल दो महीने पूरे हो जाएंगे। इन दो महीनों में बुरहान वानी की तस्वीर आतंकवादी से बदलकर हीरो की बन गई है। कश्‍मीर में उसके लिए लड़ते हुए 70 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। घायलों की गिनती करना मुश्किल है। पूरा कश्‍मीर कर्फ्यू में घिरा हुआ है।

इस बीच खबर है कि पाकिस्तान के अखबार बुरहान वानी की तस्वीर बेहतर बनाने में भरपूर मदद कर रहे हैं। पाकिस्तान के अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक भारत अधिकृत कश्‍मीर के गांवों में युवाओं के लिए वानी आइकन बन चुका है। यहां लोग कहते हैं कि वानी सिर्फ एक युवक था, जो एके 47 लेकर जंगलों में अपनी तस्वीरें खिंचाने का शौक रखता था। वानी को कश्‍मीर की आजादी से ज्यादा क्रिकेट खेलने का शौक था। वह गरीब महिलाओं की शादी के लिए पैसे जुटाता था।

बुरहान वानी को भारत अधिकृत कश्‍मीर में तमाम गांवों के लोग हिमालय का रॉबिनहुड बताने लगे हैं। यही उसका नया नाम पड़ गया है। पाकिस्तान के अखबारों के मुताबिक लोग मानते हैं कि बुरहान हिजबुल का कमांडर था, लेकिन उसे कोई आतंकी नहीं मानता। आलम यह बताया जा रहा है कि बुरहान वानी की मौत के बाद कश्‍मीर में हिजबुल को अपना संगठन मजबूत करने में मदद मिल रही है।

बुरहान वानी को भारत ने हिजबुल मुजाहिद्दीन का रिक्रूटर भी बताया था। पाकिस्तान और कश्‍मीर के लोग भी इस बात को मानते हैं। लेकिन वह ये नहीं मानना चाहते कि वानी कोई गलत काम कर रहा था।

पाकिस्तान के अखबार खुलेआम यह चेतावनी दे रहे हैं कि बुरहान वानी की ‘शहादत’ भारत और मोदी सरकार को महंगी पड़ेगी। उसकी मौत के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन जारी रहेंगे।

इधर, कश्‍मीर में पाकिस्तान के अखबारों की सुनी जा रही है। बुरहान वानी को कश्‍मीर की ‘आजादी’ का हीरो बताया जा रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक पाकिस्तान की मीडिया के इस रुख से भारत पर दबाव बनाने की भी कोशिश की जा रही है। हालांकि अभी तक मोदी सरकार ने इसे तवज्जो नहीं दी है। लेकिन आने वाले दिनों में यूनाइटेड नेशंस की बैठक में बुरहान वानी का मुद्दा फिर उठ सकता है। भले ही पाकिस्तान को इस मुद्दे पर मुंह की खानी पड़़े, लेकिन अंतरराष्‍ट्रीय स्तर पर बुरहान वानी का नाम उठने से भारत पर दबाव बढ़ने के आसार बताए जा रहे हैं।

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