
कश्मीर। कश्मीर के मुस्लिमों ने एक बार फिर से आतंकवादियों और कट्टरपंथियों ‘कश्मीरियत’ का पाठ पढ़ाया है। पुलवामा में एक कश्मीरी पंडित के अंतिम संस्कार में हजारों मुसलमान शामिल हुए और एकता-भाईचारे का संदेश दिया। मुस्लिम बहुल त्रिचल गांव में रहने वाले कश्मीरी पंडित 50 वर्षीय तेज किशन डेढ़ साल से बीमार थे।
शुक्रवार को उनकी मौत हो गई तो मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी संख्या में उनके घर जुटे। मुसलमानों ने हिंदू रीति रिवाजों से अंतिम संस्कार करने में शोक संतप्त परिवार की पूरी मदद की।
यह भी पढ़ें: 17 जुलाई को होंगे राष्ट्रपति चुनाव, 3460 वोटर्स करोड़पति
मृत तेज किशन के भाई जानकी नाथ पंडिता ने कहा कि यह असली कश्मीर है। यह हमारी संस्कृति है और हम भाईचारे के साथ रहते हैं। हम बंटवारे की राजनीति में विश्वास नहीं रखते। 90 के दशक में जब इस्लामिक कश्मीरी आतंकवाद की वजह से लाखों कश्मीरी पंडित वादी से पलायन कर तब तेज किशन ने यहीं बसे रहने का फैसला किया।
यह भी पढ़ें: जैश-ए-मोहम्मद के नए टेप से मचा हड़कंप, निशाने पर मोदी-योगी
पड़ोसी मोहम्मद युसूफ ने कहा, ‘अंतिम संस्कार में शामिल अधिकतर लोग मुस्लिम थे। हमने उनकी अंतिम रस्मों को पूरा किया। हम हिंदू और मुसलमानों को बांटने के प्रयास में होने वाली घटनाओं की निंदा करते हैं। हम यहां शांति और प्रेमभाव से रहते हैं।’ तेज किशन के एक और रिश्तेदार ने बताया कि इस गांव में लोग बिना किसी सांप्रदायिक तनाव के रहते हैं।