फर्रुखाबाद: ओवरलोड टेंपो के हादसे के शिकार होने के बाद दस लोगों की मौत के बावजूद प्रशासन व पुलिस के कानों में जूं तक नहीं रेंगी। भारी भरकम फीस वसूलने के बाद भी निजी स्कूल संचालक नौनिहालों की सुरक्षा के प्रति गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। संबंधित विभाग और न ही प्रशासन स्कूल बसों और टैम्पो की फिटनेस के प्रति गंभीर है।

हालत यह है कि जिले में अनफिट स्कूली बसों टैम्पो का संचालन धड़ल्ले से हो रहा है। फर्रुखाबाद में सुरक्षित यातायात के लिए पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारी आंकड़े बाजी में लगे रहते हैं। जमीन पर हकीकत को नजर अंदाज करते हैं। यही कारण है कि नौसिखिया ऑटो चालक क्षमता से कई गुना सवारियां भरकर सड़क पर फर्राटा भरते हैं। इससे हादसे की प्रबल संभावना रहती है।
ज्ञात हो कि कासगंज में हुए हादसे का मुख्य कारण भी ओवरलोडिंग और तेज रफ्तार ही है। ऑटो स्टैंड पर सवारियां भरने को लेकर चालकों को नंबर लगाना पड़ता है। इसके लिए ऑटो चालक अपने आगे चल रहे ऑटो को ओवरलोड सवारियां होने के बावजूद ओवरटेक करने का प्रयास करते हैं, जिस कारण कई बार ऑटो दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं।ऑटो रिक्शा ओवरलोड सवारियां भरकर फर्राटे के साथ चलते हैं। छोटे ऑटो में तीन, बड़े ऑटो में 5 सवारियों को दरकिनार कर छोटे ऑटो में 7 से 8 सवारी और बड़े में 15 से 16 सवारियां बैठाकर चलते हैं, लेकिन जिम्मेदार कार्रवाई करने के बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते हैं।
(इनपुट-दिलीप कटियार)