कई इलाको में आज भी होता है बाल विवाह, नेपाल में शुरू हुई इसे रोकने की मुहिम

पश्चिमी नेपाल के बैतड़ी जिले के पुरचूड़ी नगर पालिका ने बाल विवाह रोकने के लिए अनूठी पहल शुरू की है। इसके तहत यहां के 10 गांवों के एक हजार मकानों में हरे रंग के झंडे लगाए जा रहे हैं।

बाल विवाह

झंडों में बाल विवाह से होने वाले नुकसान के बारे में लिखा गया है और बेटी का विवाह 20 वर्ष से कम आयु में न करने की अपील की गई है। नेपाल में आज भी बाल विवाह का प्रचलन जोरों पर है। धारणा है कि कम उम्र में विवाह करने से पुण्य मिलता है।

जागरूकता की कमी

जागरूकता की कमी, धार्मिक अंधविश्वास के चलते कम उम्र में विवाह कर दिए जाते हैं। 2013 में एक एनजीओ ने बालिका दुल्हन नहीं बनती, नारे के साथ नेपाल के छह जिलों में बाल विवाह के बारे में सर्वे किया।

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सर्वे में 49.4 प्रतिशत बेटियों का विवाह 17 वर्ष से कम आयु में होना पाया गया। बाल विवाह के सबसे अधिक मामले बैतड़ी में सामने आए। इसी को देखते हुए बैतड़ी की पुरचूड़ी नगरपालिका ने जागरूकता कार्यक्रम शुरू किया है। पालिका वार्ड संख्या चार भटना गांव में लड़की अभी विवाह योग्य नहीं नारे के झंडे लगाए गए हैं।

10 गांवों के एक हजार मकानों का सर्वे किया गया

बाल विवाह की रोकथाम के लिए 20 वर्ष से कम आयु के 10 गांवों के एक हजार मकानों का सर्वे किया जा चुका है। गांव पालिका प्रमुखों को झंडे पहुंचा दिए गए हैं। बाल विवाह मुक्त नगरपालिका की शाखा अधिकृत शांती ने बताया कि किशोरी समूह बनाकर तीन दिन की ट्रेनिंग दी गई है। पालिका उपप्रमुख जानकी बम ने बताया इसके लिए सभी गांवों के अभिभावकों और लड़कियों को जानकारी दी जा रही हैं।

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संयुक्त राष्ट्र संघीय जनसंख्या के जिला अधिकृत गणेश शाही ने बताया झंडा लगाने के साथ ही ग्रामीणों को बाल विवाह से होने वाली हानि, कानूनी प्रावधान और सजा के बारे में भी बताया गया है। वार्ड नंबर एक सभासद गणेश बहादुर चंद ने बताया गांव की 16 से 19 वर्ष आयु की बालिकाओं के घरों  पर लगाने के लिए 100 झंडे नगर पालिका से आ चुके हैं।

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