ओडिशा में किया गया अग्नि -2 मिसाइल का सफल परीक्षण, जानें क्या है इसमें खास

नई दिल्ली : डॉ. अब्दुल कलाम द्वीप से शनिवार रात को अग्नि-2 का पहला परीक्षण किया गया। मालूम हो कि ये मिसाइल सतह से सतह पर मारने की क्षमता रखती है और मध्यम दूरी की परमाणु क्षमता संपन्न मिसाइल है।

सूत्रों के अनुसार, आईटीआर के प्रक्षेपण परिसर-4 में एक मोबाइल लांचर से परीक्षण के कुछ समय बाद मिसाइल में 2000 किलोमीटर तक प्रहार करने की क्षमता है। इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (आईआरबीएम) ‘अग्नि-2′ को पहले ही सशस्त्र बलों में शामिल किया जा चुका है।

पहली बार अत्याधुनिक मिसाइल का परीक्षण रात में किया गया। डीआरडीओ के खबरों से परीक्षण के दौरान अत्याधुनिक रडारों, टेलीमेट्री निगरानी केंद्रों, इलेक्ट्रो-ऑप्टिक उपकरणों तथा दो नौसैनिक पोतों से नजर रखी गयी।

20 मीटर लंबी दो स्तर की बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण वजन 17 टन है और यह 2000 किलोमीटर की दूरी तक 1000 किलोग्राम का पेलोड लेकर जा सकती है।

डीआरडीओ की एडवांस्ड सिस्टम्स लेबोरेटरी ने इसे तैयार किया है।इस मिसाइल को इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत बनाया गया है।

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मॉर्डन नैविगेशन सिस्टम से युक्त इस मिसाइल में बेहतरीन कमांड और कंट्रोल सिस्टम है। यह मिसाइल अग्नि सीरीज मिसाइल का हिस्सा है। इस सीरीज में 700 किमी तक जाने वाली अग्नि-1 और 3000 किमी तक जाने वाली अग्नि-3 मिसाइल भी शामिल हैं।

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