एस जयशंकर बोले-अफगान में ताजी हिंसा चिंताजनक, मदद के लिए हमेशा तैयार है भारत

अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की वापसी की संभावना तेज होने के साथ ही वहां तालिबान व अफगानिस्तानी सैनिकों के बीच कई शहरों में जंग जैसा माहौल है। भारत पूरे हालात पर पैनी नजर रखे हुए है। तनावग्रस्त हालात के बावजूद भारत ने ऐलान किया है कि अफगानिस्तान की जनता को मदद संबंधी उसकी जारी परियोजनाओं पर कोई असर नहीं होगा।

मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत की मदद से अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में पेयजल की सबसे बड़ी परियोजना लगाने का ऐलान किया है। भारत अभी समूचे अफगास्तिान में 3 अरब डॉलर की लागत से 400 से ज्यादा परियोजनाओं में मदद कर रहा है।

सोमवार व मंगलवार को वर्चुअल प्लेटफार्म पर आयोजित अफगानिस्तान कांफ्रेंस 2020 में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अरबों डॉलर की मदद और चाबहार पोर्ट के लिए भारत का धन्यवाद दिया। यह कांफ्रेंस अफगानिस्तान के पुननिर्माण में मदद देने वाली तमाम देशों और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की तरफ से आयोजित की गई थी। इसमें जयशंकर ने अपने भाषण में कहा कि अफगानिस्तान में हाल ही में कई हिंसक घटनाओं पर चिंता जताई और जल्द जल्द से स्थाई व विस्तृत सीजफायर लागू करने का आग्रह किया ताकि पिछले दो दशकों में वहां अमन व शांति स्थापित करने की जो कोशिशें हुई हैं उसे नुकसान नहीं पहुंचे। उन्होंने बताया कि काबुल सिटी के 20 लाख निवासियों को स्वच्छ पेयजल प्रदान करने के लिए शातूत डैम का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए हाल ही में भारत व अफगानिस्तान के बीच समझौता किया गया है।

भारत की मदद से काबुल में निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए 202 किलोमीटर लंबी फुल-ए-खुमरी ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण पूरा कर लिया गया है। विदेश मंत्री जयशंकर ने भारत की मदद से 80 करोड़ डॉलर की 100 ऐसी परियोजनाओं को मदद का भी ऐलान किया गया जो कई शहरों में स्थानीय निवासियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाएंगे। अफगानिस्तान को पड़ोसी व रणनीतिक साझेदार बताते हुए उन्होंने कहा कि लंबी अवधि में इसके विकास में भारत पूरी मदद करने को तैयार है।

भारत अभी तक अफगानिस्तान में तीन अरब डॉलर की परियोजनाओं को लगा चुका है। अफगान के सभी 34 प्रांतों में भारत की मदद से परियोजनाएं चल रही हैं। 65 हजार अफगानी छात्रों को भारत में शिक्षा दी जा रही है। समुद्री सीमा नहीं होने की वजह से अफगानिस्तान को मदद पहुंचाने में आने वाली दिक्कतों का जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत व ईरान की मदद से तैयार किया जा रहा चाबहार पोर्ट और भारत के साथ हवाई मार्ग स्थापित होने से हालात काफी बेहतर हुए हैं। चाहबहार पोर्ट के जरिए भारत ने अफगानिस्तान को 75 हजार टन गेहूं पहुंचाया है।

LIVE TV