एसआईटी जांच में 74 शिक्षक बर्खास्त, 4 शिक्षकों की सघन जांच बाद में की जाएगी कार्रवाई

रिपोर्ट-नफीस अली

मैनपुरीः कहते है स्कूल शिक्षा का वो मंदिर है जहाँ नौनिहालो को जिंदगी जीने का हुनर सिखाया जाता है। जहाँ देश में मां-बाप के बाद यदि मान्यता दी जा रही है तो वह गुरुओं को दी जाती है ऐसे में यदि गुरु की ही बुनियाद खोखली हो तो आने वाले भारत का भविष्य कैसा होता यह किसी से छुपा नही।

परंतु गनीमत रही कि ऐसे ही कुछ नकली गुरुओ की अश्लियत से पर्दा उठा तो पूरे जिले में हड़कम्प मच गया। जी हम बात कर रहे है मैनपुरीं के उन 74 अध्यापको जो एसआईटी लखनऊ की जाँच में फर्जी पाए गए है और अब इनकीं सेवा समाप्ति कर वेतन बसूली की कार्यवाही का निर्णय लिया गया है।

शैक्षिक सत्र 2005 में आगरा विश्वविद्यालय आगरा से बीएड की जारी कई डिग्रियों की जांच एसडीआई ने की जिसमें 4500 से अधिक बीएड की डिग्रियां फर्जी और टेपर्ड होने का खुलासा किया गया इन डिग्रियों की सीडी भी सत्यापन के लिए उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले में भेजी गई।

जिलाधिकारी मैनपुरी के आदेशानुसार बेसिक शिक्षा अधिकारी विजयप्रताप द्वारा 2 साल से इन बीएड फर्जी डिग्रियों की जांच चल रही थी जिसमें जनपद मैनपुरी के प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर सघनता से जांच की गई।

जांच में 78 शिक्षक फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी करते हुए दिखे इन्हें बेगुनाही साबित करने के लिए 4 नवंबर से 6 नवंबर तक जिला चयन समिति के समक्ष व्यक्तिगत पेशी भी कराई गई जिसमें से सभी शिक्षक शिक्षिकाओं को अपनी बेगुनाही के साथ देने का पूरा मौका भी दिया गया था लेकिन फर्जी दस्तावेजों में फेरबदल के चलते समिति संतुष्ट नहीं हुई।

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जिसके चलते शनिवार क्यों बेसिक शिक्षा अधिकारी ने 74 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया जबकि 4 शिक्षकों की सघनता से जांच की जा रही है जिनके खिलाफ दी कार्रवाई की जाएगी। बर्खास्त 74 शिक्षकों के विरुद्ध वैदिक कार्रवाई करते हुए इनके द्वारा लिए गए वेतन की भी वसूली पूरे जनपद में बर्खास्त हुए शिक्षकों की सूची इस प्रकार है

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