इस बड़ी वजह से चीन ने एनएसजी में रोका था भारत का रास्ता लेकिन…

एमटीसीआरनई दिल्‍ली। भारत के लिए सोमवार का दिन एक बड़ी उप‍लब्धि वाला रहा। एमटीसीआर में भारत को सदस्‍यता मिल गई। इसके साथ ही एमटीसीआर 35 देशों वाला समूह बन गया। एनएसजी में भारत की एंट्री रोकने वाला चीन अब तक इस ग्रुप का सदस्‍य नहीं बन पाया है। चीन साल 2004 से इसके लिए लगातार कोशिशें कर रहा है। जानकारों के मुताबिक चीन ने एमटीसीआर में सदस्‍यता हासिल करने के लिए ही एनएसजी में भारत का रास्‍ता रोका था। आपको बता दें कि पाकिस्‍तान ने भी एनएसजी में भारत को सदस्‍यता न देने को लेकर 17 देशों को खत लिखा था।

एमटीसीआर क्‍या है

एमटीसीआर नामक इस ग्रुप को सात देशों ने मिलकर साल 1987 में बनाया था। ग्रुप में फ्रांस, कनाडा, जापान, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन और यूएस शामिल थे। आज के समय में भारत के जुड़ने के बाद 35 देश इस ग्रुप के सदस्‍य बन चुके हैं। उस समय इस ग्रुप को बनाने का मकसद था कि हथियारों की अंधी दौड़ में शामिल होने से कैसे बचा जाए। इस ग्रुप में अब तक चीन के साथ-साथ पाकिस्‍तान को भी जगह नहीं दी गई है। 2008 के बाद से भारत उन पांच देशों में से एक है, जो एक पक्षीय ढंग से एमटीसीआर के समर्थक हैं।

इस ग्रुप का मकसद मिसाइलों का कम से कम इस्तेमाल है। यह ग्रुप केमिकल, बायोलॉजिकल और न्यूक्लियर मिसाइल को बनाने और उनका इस्तेमाल करने को कम करना चाहता है। इसमें शामिल होने वाले देश की नीतियों में ब्लास्टिक मिसाइल, क्रूज मिसाइल और ड्रोन्स को एक्सपोर्ट करने का प्रावधान शामिल होना चाहिए।

कैसे है एनएसजी से अलग

वहीं दूसरी तरफ साल 1974 में एनएसजी ग्रुप को बनाया गया था। अमेरिका की तरफ से इसे बनाने पर जोर भारत के परमाणु परीक्षण के बाद ही दिया गया था। फिर 48 देशों के संगठन ने मिलकर एनएसजी का निर्माण कर लिया। इसमें फैसला लिया गया कि सभी देशों को कम से कम परमाणु शक्ति सौंपी जाएगी।

साल 2008 से भारत इसमें जाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन परमाणु अप्रसार संधि यानी एनपीटी पर भारत ने दस्‍तखत करने से मना कर दिया। इस संधि के मुताबिक, जो इस पर साइन करेगा उसे अपने सारे परमाणु हथियार बर्बाद करने पड़ेंगे। पाकिस्तान जैसे पड़ोसी के होते हुए भारत परमाणु हथियार निरस्त करने का खतरा मोल नहीं लेना चाहता। इसी के कारध चीन के अलावा छह अन्‍य देशों ने भारत को एनएसजी में शामिल करने से मना कर दिया।

सदस्य देश

कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ग्रेट ब्रिटेन, अमेरिका (1987), डेनमार्क, आस्ट्रेलिया, बेल्जियम,  लग्जमबर्ग, नीदरलैंड, नार्वे, स्पेन (1990), फीनलैंड, ऑस्ट्रीया, न्यूजीलैंड, स्वीडन (1991), पुर्तगाल, स्वि‍टजरलैंड, ग्रीस, आयरलैंड (1992), अर्जेंटीना, हंगरी, आइसलैंड (1993), ब्राजील, रूस, दक्षिण अफ्रीका (1995), तुर्की (1997), चेक गणराज्य, उक्रेन, पोलैंड (1998), कोरिया गणराज्य (2001), बुल्गारिया (2004) और भारत (2016)।

LIVE TV