
हमारे देश में कई ऐसे मंदिर हैं, जो किसी चमत्कार से कम नहीं हैं। इनमें कई तो ऐसे हैं जो सैकड़ों साल पुराने हैं और हर मंदिर के निर्माण से जुड़ी एक अलग कहानी है। आज हम ऐसे ही कुछ मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका निर्माण महज एक रात में हुआ था। इनके निर्माण के पीछे की कहानी भी बड़ी ही दिलचस्प है।
उत्तर प्रदेश के वृंदावन में गोविंद देव जी का मंदिर है। यह मंदिर भी करीब से देखने पर अधूरा सा ही लगता है। कहते हैं कि यह मंदिर भी एक रात में ही बनकर तैयार हुआ है। मान्यता है कि भूतों या दिव्य शक्तियों ने मिलकर एक रात में इस मंदिर को बनाया है।
कहा जाता है कि सुबह होने से पहले ही किसी ने चक्की चलानी शुरू कर दी, जिसकी आवाज से मंदिर का निर्माण करने वाले काम पूरा किए बिना ही चले गए।
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में शिव जी का एक मंदिर है, जिसे हथिया देवाल के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि एक हाथ वाले शिल्पकार ने एक रात में ही इस मंदिर का निर्माण कर दिया था।
हालांकि रात होने और जल्दी बनाने के चक्कर में यहां शिवलिंग का अरघा विपरीत दिशा में बना दिया गया था। इस वजह से यहां शिवलिंग की पूजा नहीं की जाती है।