एक बार फिर वोडाफोन और आइडिया खतरे में , बिरला समूह का मार्केट कैप भी करोड़ो रुपये में घटा…

भारत की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन और आइडिया अब एक साथ हो गये हैं. बतादें की इस साल वोडाफोन और आइडिया को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा हैं. देखा जाये तो इसका अधिक नुकसान आदित्य बिरला समूह की अन्य कंपनियों पर पड़ने लगा है.

 

वहीं जिनके संयुक्त मार्केट कैप में 20 अगस्त को 21,431 करोड़ रुपये की गिरावट आई. जहां इससे कुछ दिन पहले ही कंपनी की दूरसंचार इकाई ने अपने तिमाही नतीजे 29 जुलाई को जारी किए थे.

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लेकिन कंपनी ने 19 अगस्त को ग्राहकों की संख्या में गिरावट की जानकारी दी, जिसमें बताया गया कि 41 लाख ग्राहकों ने कंपनी छोड़ दिया है. इसके तुरंत बाद कंपनी के सीईओ बालेश शर्मा की जगह रविन्द्र ठक्कर की नियुक्ति की गई.

खबरों के मुताबिक बीएसई पर मंगलवार के सत्र में वोडाफोन-आइडिया के शेयर में 6 फीसदी की गिरावट आई, जिसके एक दिन पहले बालेश शर्मा ने तुरंत प्रभाव से सीईओ के पद से एक साल से कम समय तक काम करने के बाद इस्तीफा दे दिया था. बुधवार को बीएसई पर वोडाफोन-आइडिया के शेयरों में 2.57 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.

मोबाइल फोन कंपनी के शेयरों की कीमत ऑल टाइम कम हो गई है, क्योंकि कंपनी भारी नुकसान में है और ग्राहक छोड़ कर जा रहे हैं और राजस्व आधार कम होता जा रहा है. विश्लेषकों का अनुमान है कि प्रतिद्वंद्वी कंपनी जियो अगले 4-5 महीनों में ग्राहकों की संख्या के मामले में वोडाफोन-आइडिया को पीछे छोड़ देगी, जो कि एयरटेल को पहले ही पीछे छोड़ चुकी है.

दरअसल जून में दूरसंचार कंपनी का मार्केट कैप करीब 40,000 करोड़ रुपये था. अप्रैल-जून 2019 तिमाही में वोडाफोन-आइडिया ने 4,873.9 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया था, जोकि पिछली 11 तिमाहियों में 10 तिमाहियों में नुकसान में रही थी. जहां आदित्य बिरला समूह की सभी कंपनियों का कुल मार्केट कैप 29 जुलाई को 2.69 लाख करोड़ रुपये था, जो घटकर 20 अगस्त को 2.31 लाख करोड़ रुपये हो गया है.

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