एक दूसरे को फिर चुनौती देगी चाचा-भतीजे की जोड़ी, नहीं दिख रहे अच्छे समीकरण…

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव व उनके चाचा व प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के मुखिया शिवपाल सिंह यादव की तल्खियां इस दौरान भले ही चर्चा में न हों पर दोनों चाचा-भतीजे एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं।

शिवपाल ने फिरोजाबाद सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने का एलान किया था लेकिन सपा ने इसी सीट पर अक्षय यादव को उम्मीदवार घोषित कर दिया।

अक्षय यादव सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव के पुत्र हैं। अगर शिवपाल भी इसी सीट पर चुनाव लड़ते हैं तो परिवार की खींचतान फिर से चर्चा में आ सकती है। शिवपाल यादव एक जमीनी नेता हैं।

एक दूसरे को फिर चुनौती देगी चाचा-भतीजे की जोड़ी,

उनकी पार्टी के कांग्रेस से गठबंधन के कयास भी लगते रहे हैं, हालांकि अभी कुछ भी फाइनल नहीं हुआ है लेकिन शिवपाल ने कांग्रेस को लेकर सकारात्मक रुख जरूर दिखाया।

गठबंधन न होने की स्थिति में अगर प्रसपा प्रदेश की सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारती है तो सपा के लिए मुश्किल जरूर हो सकती है।

शिवपाल ने सपा से अलग होने की पीड़ा समय-समय पर व्यक्त की है। पिछले दिनों लखनऊ में छोटे-छोटे दलों के राष्ट्रीय अध्यक्षों के साथ हुई बैठक में उनकी पीड़ा छलक पड़ी थी। उन्होंने कहा था कि मेरे साथ धोखा हुआ है लेकिन मैंने उससे सबक सीखा है।

असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर निकलीं हैं बम्पर भर्तियाँ, जानें कैसे मिलेगा मौका…

उन्होंने कहा था कि महान लोगों ने कभी पद की कामना नहीं की। गांधी, लोहिया, जेपी इसकी मिसाल हैं। हम चाहते तो 2003 में मुख्यमंत्री बन सकते थे।

मेरे साथ उस समय 147 विधायक थे। 2012 में भी स्थिति यही थी लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया।

हां, आप यह कह सकते हैं कि मेरे साथ धोखा हुआ लेकिन मैंने उससे सबक लिया।

LIVE TV