एक और चाय बेचने वाला बना राजनीति का हीरो, ये चाय बेचने वाला बना मेयर !…

सोमवार को दिल्ली नगर निगम के सबसे महत्वपूर्ण इससे उत्तरी दिल्ली नगर निगम में मेयर का चुनाव हुआ जिसमें सिविल लाइंस से बीजेपी पार्षद सरदार अवतार सिंह को निर्विरोध मेयर चुना गया. अवतार सिंह बेहद साधारण परिवार से आते हैं.

मेयर चुने के बाद अवतार सिंह अपने संबोधन में भावुक हो गए और बोले कि वो श्रीराम के सच्चे भक्त हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी ही ऐसी पार्टी है जहां पर कार्यकर्ताओं का सम्मान किया जाता है. यही वजह है कि साधारण परिवार से होने के बावजूद मेयर के पद पर मुझे बैठने का मौका मिल रहा है.

बीजेपी के इस फैसले पर सवाल भी खड़े किए जा रहे हैं क्योंकि क्योंकि सरदार अवतार सिंह पर भ्रष्टाचार और उगाही के गंभीर आरोप लगे हुए हैं.

इतना ही नहीं दिल्ली पुलिस ने शिकायत को एंटी करप्शन ब्रांच में भी आगे फॉरवर्ड कर दिया था. दिल्ली पुलिस ने अपनी चिट्ठी में कहा था कि चूंकि पार्षद प्रभावशाली व्यक्ति है, ऐसे में ये जांच एंटी करप्शन ब्रांच को फॉरवर्ड की जाती है.

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अपने ऊपर लगे उगाही और ब्लैक मेलिंग के गंभीर आरोपों को खारिज करते हुए अवतार सिंह ने कहा कि आरोप तो प्रभु राम पर भी लगे थे लेकिन उन्होंने कोई मर्यादा नहीं तोड़ी थी. सिंह ने कहा कि उनके ऊपर लगे आरोप झूठे हैं. यहां तक कि उन्हें इन आरोपों के विषय में जानकारी तक नहीं थी.

 

कश्मीरी गेट में चाय बेचते थे अवतार सिंह-

बता दें कि अवतार सिंह उत्तरी दिल्ली नगर निगम के पहले सिख मेयर हैं. अपने पहले संबोधन में अवतार सिंह भावुक हो गए और बोले कि उनका जीवन काफी संघर्ष भरा रहा है. उन्होंने कहा कि कश्मीरी गेट के पास कई साल पीपल के पेड के नीचे चाय बेची बाद में सामान ढुलाई तक का काम किया है. अवतार सिंह पिछले कई सालों से कश्मीरी गेट पर होने वाली रामलीला में किरदार निभाते आए हैं. भाजपा की सीट पर पार्षद चुने जाने के बाद मेयर पद के लिए वो अपनी मां, पत्नी और बेटी को श्रेय देते हैं.

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