एक और घटना के बाद कटघरे में खड़ा हुआ किसान आंदोलन, क्या खाली होगा सिंघु बॉर्डर!

दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार सुबह पंजाब के तरनतारन निवासी दलित युवक लखबीर सिंह की बेरहमी से हुई हत्या में पूरे आंदोलन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा भले ही इस घटना को बर्बर बता निहंगों से दूरी बना रहा है लेकिन सच तो यह है कि किसान आंदोलन को इससे बड़ा नुकसान हुआ है। इस बीच सवाल यह भी खड़े हो रहे हैं कि क्या अब सिंघु बॉर्डर के खाली करवाया जाएगा? वहीं लखबीर की हत्या मामले में नामी वकील शशांक शेखर झा ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर दी है। उन्होंने सिंघु बॉर्डर को खाली करने और लंबित याचिका पर जल्द ही सुनवाई करने की मांग की है।

माना जा रहा है कि अब संयुक्त किसान मोर्चा पूरी तरह से घिर चुका है। ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट में भी कानून पर रोक के बावजूद आंदोलन को जारी रखने और दिल्ली-एनसीआर के बॉर्डर पर जाम की समस्या के मद्देनजर प्रदर्शन को लेकर सवाल खड़ा हो चुका है। वहीं लखीमपुर की घटना सामने आने के बाद भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर कृषि कानूनों को अदालत में चुनौती दी गयी है तो फिर विरोध प्रदर्शन क्यों हो रहे हैं?

सामने आई हाल ही की घटना के बाद कई वह पुराने मामले भी चर्चा में आ गए हैं जिन्होंने आंदोलन पर सवाल खड़े किए थे। आज हम आपको वही कुछ मामले बताने जा रहे हैं।

1- पश्चिम बंगाल की युवती से दुष्कर्म

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-हरियाणा और यूपी बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन में शामिल होने बंगाल से आई युवती के साथ टीकरी बॉर्डर पर सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया था। इस मामले को भले ही कई महीने हो चुके हैं लेकिन इसने आंदोलन पर कई सवाल खड़े किए थे। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने इस पर सफाई भी दी है। लेकिन जाहिर तौर पर इससे उनकी छवि खराब हुई है।

2- कई लड़कियां हो चुकी हैं गायब

बॉर्डर क्षेत्र से तकरीबन डेढ़ दर्जन से ज्यादा लड़कियां गायब है और हैरान करने वाली बात यह है कि ज्यादातर का आज तक पता ही नहीं लग सका। कई मामलों में नामजद रिपोर्ट भी दर्ज है। वहीं पुलिस इस तरह के मामलों में सिर्फ उन आरोपितों पर कार्रवाई कर पाती है जिन्हें प्रदर्शनकारी खुद लाकर पुलिस को सौंप देते हैं। आलम यह है कि लोगों ने परिवार की महिलाओं को संबंधित क्षेत्रों में जाने से रोक लिया है।

3- दिल्ली-हरियाणा बार्डर पर जिंदा जलाया गया शख्स

दिल्ली से सटे हरियाणा के बहादुरगढ़ में किसान आंदोलन में शामिल लोगों ने जून माह में एक व्यक्ति को जिंदा जला दिया। आग लगने के बाद मुकेश को बहादुरगढ़ के एख अस्पताल लाया गया। जहां 90 फीसदी तक झुलस चुके मुकेश ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। हालात यह हुए कि ग्रामीणों ने किसानों पर उन्हें परेशान करने तक का आरोप लगाया और परिजनों ने मृतक का शव लेने से भी मना कर दिया।

4- लाल किले पर हिंसा

26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान जो हुआ उसे कई भी नहीं भूल सकता है। उस दौरान हिंसक लोगों ने पूरी हदें पार कर दी। तमाम सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुए हिंसक लोग लाल किले तक पहुंच गए। यहां लाल किले की प्राचीर पर अन्य झंडा लगाया गया। इतना ही नहीं इस हमले में कई पुलिसकर्मी घायल भी हुए।

5- दलित युवक की हत्या

सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार 15 अक्टूबर की सुबह लोगों ने बैरिकेट पर लटका एक शव देखा। सूचना मिलने पर पुलिस ने पाया कि शख्स के पेट समेत शरीर पर तकरीबन 14 घाव तलवार और भालों के निशान के थे। इसमें अज्ञात निहंगों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया। एक निहंग गिरफ्तार भी हुआ। बताया जा रहा है कि पंजाब के दलित युवक लखबीर सिंह को भालों से घोंपकर अंतिम सांस तक प्रताणित किया गया। मौद के बाद उसके शव को आंदोलनस्थल पर मुख्य मंच के पास पुलिस बैरिकेड पर लटका दिया गया।

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