उन्नाव में पानी के धोखे में श्रमिक ने पिया पेट्रोल, मौत के बाद परिजनों में रोष

रिपोर्ट: विपिन शर्मा/उन्नाव

दो महानगरों लखनऊ और कानपुर के बीच मे बसा उन्नाव जिसमे दर्जनों बूचड़खाने और दर्जनों चमड़े की फैक्ट्री चल रही है जो कि सिर्फ जिले के वासियों को मौत परोसने का काम कर रही है.

उसके बावजूद भी जिले के आलाधिकारी अपनी आँखों पर। काली पट्टी बांध के बैठे है इन मौत परोसने वाली फैक्ट्रियों पर कार्यवाही के नाम शून्य है.

क्योकि अधिकारियों को मौत परोशने वाली फैक्ट्रियों से मोटी रकम मिलती है जिसके कारण आला अधिकारी भी इन मौत के संचालको के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए कतराते रहते है.

मौत

आये दिन इन फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूरों की मौत का तमाशा देखने के बाद भी आला अधिकारी कार्यवाही के नाम पर सिर्फ और सिर्फ जीरो बटे सन्नाटा करते हुए नजर आते है. आज भी एक मजदूर की मौत सुपर हाउस बन्धर यूनिट 3 फैक्ट्री की लापरवाही के चलते हुए हुई जिसके बाद मृतक मजदूर के परिजनों ने फैक्ट्री में जबरदस्त हंगामा काटा.

हंगामे को देख मौके पे एसडीएम सदर सीओ सदर और अचलगंज थाने की फोर्स मौके पर पहुँची और फैक्ट्री के मालिक के ऊपर कोई कार्यवाही करने के बजाए उस मृतक मजदूर के परिजनों को समझा बुझाकर मुआवजा की राशि दिलवाके इस मामले को रफा दफा कर दिया।

उन्नाव में उस समय हड़कम्प मच गया जब एक चमड़े फैक्ट्री सुपर हाउस बंधर यूनिट 3 में काम करने वाले मजदूर ने पहले तो अपना खाना खाया और फिर पानी पीने के लिए बोतल उठाई और बोतल में पानी जैसा ही रखा कैमिकल पी लिया.

उस मजदूर को तो यह भी जानकारी नही थी कि जो मैं पी रहा हूँ वो पानी नही जो मेरी प्यास बुझा देगा बल्कि उस बोतल में तो हमेशा के लिए जीवन को समाप्त करने वाला कैमिकल रखा हुआ है.

जब इसकी जानकारी हुई उस मजदूर को हुुवी जो मैंने पिया है वह पानी नही बल्कि मेरी मौत का सामान था तो वह बहुत घबरा गया और वही पर काम करने वाले अपने भाई के पास पहुचता है अपनी पूरी आप बीती बताता है जिसके बाद मृतक मजदूर के भाई द्वारा फैक्ट्री मैनेजर को जानकारी दी.

उसके बावजूद भी उस मैनेजर का दिल नही पिघला कोई साधन देने के बजाए उसको और उसके भाई को फैक्ट्री से बाहर भेज दिया. जिसके बाद मृतक मजदूर के भाई ने अस्पताल में भर्ती किया जहाँ पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

जिसके बाद गुस्साये परिजनों ने मृतक के शव को फैक्ट्री लेकर पहुँच गए जहाँ पे देखा कि फैक्ट्री का गेट बन्द करवा दिया गया है.. यह देख परिजनों के साथ आये लोगो ने गुस्से में आकर गेट को तोड़ कर फैक्ट्री के अंदर शव को लेकर घुस गए और हंगामा करने लगे.

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जब इस पूरी घटना की जानकारी स्थानीय पुलिस को मिली तो पुलिस बल के साथ एसडीएम सदर और क्षेत्राधिकारी भी मौके पे पहुँचे. पहुँचने के बाद फैक्ट्री मालिक पे कार्यवाही के बजाय मृतक मजदूर के परिजनों को समझा बुझाकर फैक्ट्री मालिक के साथ मजदूर की जिंदगी की कीमत को 7 लाख 50 हजार रुपये लगाते हुए फैक्ट्री मालिक और मृतक मजदूर के परिजनों का समझौता कर दिया. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

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