उत्पीड़न और भ्रष्टाचार के मामले में फंसे दरोगा समेत पांच के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज

यूपी के रामपुर में केमरी के पूर्व इंस्पेक्टर सुशील कुमार वर्मा और एक दारेगा समेत पांच के खिलाफ उत्पीड़न और भ्रष्टाचार की रिपोर्ट दर्ज की गई है। तीन आरोपियों को छोड़ने के लिए डेढ़ लाख की मांग की गई थी। जबकि, एक व्यक्ति से 50 हजार रुपये लेकर मामूली धाराओं में चालान कर दिया था। पुलिस हिरासत में रखकर मारपीट और धमकाने का भी आरोप लगाया है।

 

 

आरोपी दरोगा

मामला थाना केमरी  क्षेत्र के मुंडिया कला गांव निवासी अकबरी बेगम ने भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट बरेली में प्रार्थनापत्र दिया था। इसमें कहा था कि गांव के ही कुछ लोगों से विवाद था। इसकी रिपोर्ट केमरी थाने में कराई थी। इस मामले में समझौता पत्र भी पुलिस को दिया था। एक अन्य मामले में भी समझौता कराने के लिए पुलिस दबाव बना रही थी।

उससे एक लाख की मांग की गई। पैसा न देने पर जेल भेजने की धमकी दी गई। पुलिस ने अकबरी के बेटे के जावेद को हिरासत में लिया, जिसे बाद में 50 हजार लेकर 151 में चालान कर दिया गया और दूसरे बेटे साजिद को छोड़ दिया गया था। साथ ही शाकिर और वाजिद से भी समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करा लिए गए थे।

आरोप यह भी है कि पुलिस के घर से बाइक भी उठा ले गई थी। रिश्वत मांगने की आडियो रिकार्डिंग कोर्ट में दी गई है। मामला हाईकोर्ट तक भी पहुंचा था। पुलिस पर राजनीतिक द्वेष के कारण कार्रवाई का आरोप लगाया है।

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इस मामले में अदालत के आदेश केमरी थाने में शनिवार को रिपोर्ट दर्ज कर ली गई, जिसमें इंस्पेक्टर सुशील कुमार वर्मा, दरोगा संजीव गिरी, बलवीर सिंह उर्फ बल्ली, बूटा सिंह एवं एक अन्य को नामजद किया गया है।

इंस्पेक्टर सुशील कुमार वर्मा गंज और शाहबाद में भी कोतवाल रहे हैं। फिलहाल उनकी तैनाती किसी अन्य जनपद में है। अब इस मामले में पुलिस ने पुलिस के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर  जांच में शुरू कर दी है।

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